नई दिल्ली: संसद का शीतकालीन सत्र (Winter Session of Parliament) आज (18 नवंबर) से शुरू हो रहा है. इस दौरान मोदी सरकार नागरिकता विधेयक समेत कई अहम विधेयकों को पारित कराने की पूरी कोशिश करेगी. वहीं विपक्ष एकजुटता के साथ प्रधानमंत्री मोदी की अगुवाई वाली सरकार को जम्मू कश्मीर की स्थिति, आर्थिक सुस्ती और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर घेरने की पूरी कोशिश करेगा. वहीं इस बार बीजेपी से अलग होने के बाद शिवसेना भी विपक्ष में बैठने वाली है. इस वजह से संसद में विपक्ष की संख्या भी बढ़ गई है.
मिली जानकारी के मुताबिक इस सत्र में मोदी सरकार नागरिकता (संशोधन) विधेयक को पारित कराने के अलावा दो अहम अध्यादेशों को कानून में परिवर्तित कराने की तैयारी में है. आयकर अधिनियम, 1961 और वित्त अधिनियम, 2019 में संशोधन को प्रभावी बनाने के लिए सितंबर में एक अध्यादेश जारी किया गया था जिसका उद्देश्य नई एवं घरेलू विनिर्माण कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर की दर में कमी लाकर आर्थिक सुस्ती को रोकना और विकास को बढ़ावा देना है. सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने नेताओं से कहा, सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए हैं तैयार
जबकि दूसरा अध्यादेश भी सितंबर में जारी किया गया था जिसमें ई-सिगरेट और इसी तरह के उत्पाद की बिक्री, निर्माण एवं भंडारण पर प्रतिबंध लगाया गया है.
लोकसभा चुनाव में मिले अपार जनादेश के साथ सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी नीत एनडीए सरकार का यह इस कार्यकाल में दूसरा संसद सत्र है. संसद का पहला सत्र काफी बेहतर रहा. 1952 के बाद से इस सत्र में सबसे अधिक कामकाज हुआ था और 35 विधेयक पारित किये गये. राज्यसभा में कुल 32 विधेयक पारित हुए. इस सत्र के दौरान तीन तलाक की प्रथा को दंडनीय बनाने, राष्ट्रीय जांच एजेंसी को और अधिक शक्तियां देने जैसे कई अहम विधेयक दोनों सदनों में पारित हुए. इसी सत्र में जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को हटाने और इसे दो केंद्रशासित क्षेत्रों-जम्मू कश्मीर तथा लद्दाख में विभाजित करने का प्रस्ताव भी दोनों सदनों में पारित हुआ.
(एजेंसी इनपुट के साथ)