बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इन दिनों मैसुरु शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) भूमि घोटाले के मामले में फंसे हुए हैं. इस घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उनके खिलाफ धनशोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत केस दर्ज किया है. इस आरोप के बीच मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट किया है कि वे अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे और इन आरोपों को "बिना आधार" बताया है. MUDA भूमि घोटाला कर्नाटक की राजनीति में इस समय गर्म मुद्दा बना हुआ है. जहां विपक्ष इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री पर लगातार हमला कर रहा है, वहीं सिद्धारमैया ने साफ तौर पर कहा है कि वे इस आरोप से घबराने वाले नहीं हैं और अपने पद पर बने रहेंगे.
MUDA घोटाला मामले में बढ़ीं सिद्धारमैया की मुश्किलें, ED ने दर्ज किया केस.
सिद्धारमैया ने मंगलवार को मीडिया से बात करते हुए इस आरोप पर सवाल उठाया और कहा कि PMLA के तहत यह मामला धनशोधन का नहीं है. उन्होंने कहा, "यह किस प्रकार का धनशोधन है? जमीन के बदले भूखंड दिया गया था, तो इसमें धनशोधन का मामला कहां से बनता है?" सिद्धारमैया ने यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में उनके इस्तीफे की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि वे अंतरात्मा की आवाज पर काम करते हैं.
क्या है MUDA भूमि घोटाला?
यह मामला तब सामने आया जब आरोप लगाए गए कि MUDA ने कथित तौर पर सिद्धारमैया की पत्नी को 14 भूखंड आवंटित किए थे. इस आवंटन में अनियमितताएं होने की बात कही जा रही है. इस आरोप के बाद ईडी ने PMLA के तहत सिद्धारमैया और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
इस बीच, सिद्धारमैया की पत्नी ने भी मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए MUDA को पत्र लिखा और 14 भूखंडों का स्वामित्व छोड़ने की पेशकश की. उन्होंने अपने पत्र में कहा कि उनके पति की प्रतिष्ठा, सम्मान और मानसिक शांति उनके लिए सबसे महत्वपूर्ण है. इस कदम को सिद्धारमैया ने एक जिम्मेदार निर्णय बताया और कहा कि यह किसी अपराध की स्वीकारोक्ति नहीं है.
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप
सिद्धारमैया ने विपक्षी नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि वे झूठ बोलने में माहिर हैं. उन्होंने कहा, "क्या मेरे इस्तीफा देने से यह मामला खत्म हो जाएगा? यह केवल राजनीति है, और विपक्ष बिना वजह इस्तीफे की मांग कर रहा है." उन्होंने यह भी कहा कि उनका यह फैसला अंतरात्मा से प्रेरित है और वे इस्तीफा देने के मूड में नहीं हैं.