MUDA घोटाला मामले में बढ़ीं सिद्धारमैया की मुश्किलें, ED ने दर्ज किया केस
CM Siddaramaiah | PTI

बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में केस दर्ज किया है. यह केस मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) से जुड़े कथित भूमि घोटाले के संबंध में दर्ज किया गया है. ईडी ने यह कदम लोकायुक्त द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी (FIR) के आधार पर उठाया है. MUDA भूमि घोटाले से जुड़े इस मामले में सिद्धारमैया के साथ उनकी पत्नी बीएम पार्वती, साले मल्लिकार्जुन स्वामी और अन्य लोगों का नाम भी शामिल है.

क्या है MUDA स्कैम? जानें इस केस में कैसे बढ़ीं कर्नाटक के CM सिद्धारमैया की मुश्किलें.

आरोप है कि स्वामी ने एक जमीन को खरीदकर पार्वती को उपहार स्वरूप दिया था. 27 सितंबर को लोकायुक्त पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी, जिसमें इस कथित घोटाले में गैरकानूनी तरीके से जमीन हड़पने की बात कही गई है.

राज्यपाल की स्वीकृति और कोर्ट का आदेश

कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत ने 16 अगस्त को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 17A के तहत सिद्धारमैया के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की स्वीकृति दी थी. इस स्वीकृति को मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अदालत में चुनौती दी, लेकिन उच्च न्यायालय ने राज्यपाल के आदेश को बरकरार रखते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी.

प्रवर्तन निदेशालय की कार्रवाई

ईडी ने मामले को दर्ज करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम (PMLA) के तहत प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दायर की है, जो पुलिस एफआईआर के समान होती है. इसके तहत ईडी को जांच के दौरान आरोपियों को पूछताछ के लिए बुलाने और उनकी संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार है.

सिद्धारमैया ने किया बचाव

76 वर्षीय सिद्धारमैया ने इन आरोपों को "राजनीतिक साजिश" बताते हुए कहा कि विपक्ष उनसे डरा हुआ है, इसलिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है. उन्होंने साफ किया कि वह इस्तीफा नहीं देंगे और कानूनी लड़ाई जारी रखेंगे, क्योंकि उनका दावा है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है.

MUDA स्कैम क्या है?

इस घोटाले का संबंध उस प्रक्रिया से है, जब सरकार भूमि अधिग्रहण करती है और मुआवजे के रूप में दूसरी जगह जमीन देती है. आरोप है कि सिद्धारमैया और उनकी पत्नी ने MUDA से गैरकानूनी तरीके से मैसूर में 14 प्रीमियम प्लॉट प्राप्त किए. इस कथित घोटाले में 4,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का दावा किया जा रहा है.

जिस जमीन की बात हो रही है वो केसारू गांव की 3.16 एकड़ का प्लॉट है. साल 2005 में इस जमीन को सिद्धारमैया के बहनोई मल्लिकार्जुन स्वामी देवराज को ट्रांसफर कर दिया गया था. दावा है कि मल्लिकार्जुन स्वामी ने 2004 में सरकारी अफसरों और जाली दस्तावेजों की मदद से इस जमीन को अवैध रूप से अपने नाम करवा लिया था.