
नई दिल्ली: लोकसभा में लंबी बहस और तीखी चर्चा के बाद वक्फ संशोधन विधेयक 2024 को कुछ संशोधनों के साथ पारित कर दिया गया. 288 वोटों के समर्थन और 232 के विरोध के बीच यह बिल पास हुआ. अब इसे राज्यसभा में पेश किया गया, जहां विपक्ष ने इस पर तीखा विरोध जताया. इस विधेयक के तहत वक्फ संपत्तियों के प्रशासन और प्रबंधन में कुछ अहम बदलाव किए गए हैं.
राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस विधेयक पर कड़ा विरोध जताया. उन्होंने सरकार पर अल्पसंख्यकों को निशाना बनाने का आरोप लगाते हुए कहा, "1995 के एक्ट में जो चीजें थीं, उन्हें शामिल कर दिया गया, लेकिन जो नहीं होनी चाहिए थीं, वे भी इसमें जोड़ दी गईं." उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अल्पसंख्यक मंत्रालय के बजट में लगातार कटौती कर रही है. 4,000 करोड़ से घटाकर 2,800 करोड़ कर दिया गया, लेकिन अब भी पूरा बजट खर्च नहीं किया जा रहा.
सरकार का मकसद संपत्तियों पर नियंत्रण करना
राज्यसभा में अपने संबोधन में मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि इस बिल का असली मकसद वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण करना और उसे दूसरे हाथों में सौंपना है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, "वक्फ बोर्ड की संपत्तियों का लैंड बैंक बनाया जा रहा है, जिससे इन संपत्तियों को बिजनेसमैन या अन्य लोगों को दिया जा सके." खड़गे ने कहा, 'सरकार मुफ्त में मिली चीजों को बफे सिस्टम की तरह बांटना चाहती है. पहले जो पहुंचेगा, उसे अच्छा खाना मिलेगा और जो आखिरी में जाएगा, उसे बचा-कुचा मिलेगा.'
सरकार पर बरसे मल्लिकार्जुन खड़गे
#WATCH | #WaqfAmendmentBill | Rajya Sabha LoP and Congress chief Mallikarjun Kharge says, "What you are doing is not good. This will lead to disputes in the country. You are sowing seeds for disputes...I appeal to the Home Minister to withdraw this. Don't make this a prestige… pic.twitter.com/vO8CJupW4p
— ANI (@ANI) April 3, 2025
अल्पसंख्यकों की योजनाएं बंद कर रही सरकार
खड़गे ने आरोप लगाया कि पांच महत्वपूर्ण योजनाओं को सरकार ने बंद कर दिया है. "सरकार अल्पसंख्यकों की योजनाएं बंद कर रही है." उन्होंने वक्फ संशोधन विधेयक संविधान के खिलाफ बताया. खड़गे का कहना है कि यह विधेयक संविधान की मूल भावना के विपरीत है और इससे देश में विवाद की स्थिति बन सकती है. उन्होंने सरकार से कहा की इस बिल को वापस लें, कोई प्रतिष्ठा का मुद्दा न बनाएं.
खड़गे ने गृह मंत्री से अपील करते हुए कहा कि इस बिल को वापस लिया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, "अगर संविधान में संशोधन हो सकता है, तो इस बिल में भी संशोधन किया जा सकता है. इसे प्रतिष्ठा का सवाल न बनाएं."
अब यह विधेयक राज्यसभा में पारित होने के बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के लिए जाएगा. हालांकि, राज्यसभा में विपक्ष के भारी विरोध को देखते हुए सरकार के लिए इसे आसानी से पास कराना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.