Uttarkashi Rescue: 16 दिन से सुरंग में फंसे बेटे का इंतजार कर रहे थे पिता, रेस्क्यू से कुछ पल पहले ही तोड़ दिया दम
Uttarkashi Rescue | PTI

उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. यह रेस्क्यू ऑपरेशन मंगलवार को पूरा हो गया. 16 दिनों से फंसे सभी 41 मजदूरों को दोबारा जिंदगी मिल गई लेकिन अपने बेटे के इंतजार में एक पिता ने अपना दम तोड़ दिया. टनल से बाहर निकलने से पहले ही झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले क एक मजदूर जिसका नाम भक्तू मुर्मू है जिनके सिर से अब अपने पिता का साया उठ गया. 70 साल के बसेत मुर्मू ने टनल में फंसे अपने बेटे भुक्तू मुर्मू का बेसब्री से इंतजार करते हुए दम तोड़ दिया. Uttarkashi Tunnel: जिस टनल में फंसे थे मजदूर उसका निर्माण कार्य जारी रहेगा या रुक जाएगा? केंद्रीय मंत्री VK सिंह ने दिया जवाब.

बसेत मुर्मू बस एक बार अपने बेटे को देखना चाहते थे. बेटे को देखने की अधूरी चाहत लिए वो इस दुनिया से चल बसे. भुक्तू मुर्मू सही सलामत सुरंग से बाहर निकल गए, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. बाहर निकलने के कुछ देर बाद भुक्तू मुर्मू को उनके पिता के निधन का समाचार दिया गया. भुक्तू को यह आशा थी कि बाहर निकलने के बाद वह अपने पिता से मिलकर उनका आशीर्वाद लेंगे, लेकिन समय को कुछ और ही मंजूर था.

भुक्तू पूर्वी सिंहभूम जिले के बांकीशील पंचायत स्थित बाहदा गांव का रहने वाले हैं. उनके पिता बसेत मुर्मू की उम्र करीब 70 साल थी. वो गांव में ही रहते थे. जबसे उन्हें यह समाचार मिला था कि उनका बेटा सुरंग में फंसा है, तब से वह काफी परेशान थे. वह अपने बेटे के इंतजार में उदास रहते थे.. खाना भी नहीं के बराबर खाते थे, जिसके चलते वो काफी कमजोर हो गए थे. परिवार और गांव के लोगों का कहना है कि बेटे की याद में ही उनकी जान चली गई.

दिवाली के दिन से फंसे थे मजदूर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी टनल में फंसे 41 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया. अभी इनकी सेहत की जांच चल रही है और उसके बाद झारखंड के सभी मजदूरों को उनके घर वापसी की जाएगी. जानकारी के अनुसार, मजदूरों को जल्द ही राज्य के प्रतिनिधियों को सौंपा जाएगा.