VIDEO: स्वदेशी एंटी टैंक मिसाइल का सफल परीक्षण, DRDO के MP-ATGM ने टारगेट को किया ध्वस्त

भारत की रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में राजस्थान के जैसलमेर में स्थित फील्ड फायरिंग रेंज में मेड-इन-इंडिया मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MP-ATGM) का सफल परीक्षण किया. इस परीक्षण के दौरान मिसाइल ने अपने लक्ष्य को पूरी तरह से नष्ट कर दिया, जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और लोगों का ध्यान खींचा है.

MP-ATGM क्या है?

मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MP-ATGM) एक हल्की और पोर्टेबल मिसाइल है, जिसे खासतौर पर भारतीय सेना की जरूरतों को ध्यान में रखकर विकसित किया गया है. यह मिसाइल सैनिकों को दुश्मन के टैंकों और बख्तरबंद वाहनों को नष्ट करने में सक्षम बनाती है. इसकी खासियत यह है कि इसे एक व्यक्ति द्वारा आसानी से उठाया और चलाया जा सकता है, जिससे इसे युद्ध के मैदान में तेजी से तैनात किया जा सकता है.

इस परीक्षण का महत्व

इस परीक्षण की सफलता भारत की स्वदेशी रक्षा क्षमताओं में एक और महत्वपूर्ण कदम है. यह मिसाइल पूरी तरह से देश में ही विकसित की गई है, जो ‘मेक इन इंडिया’ पहल को मजबूती प्रदान करती है. इसके साथ ही, यह भारतीय सेना को अत्याधुनिक हथियारों से लैस करने की दिशा में भी एक बड़ा प्रयास है. इस मिसाइल की तैनाती से भारतीय सेना की सामरिक क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी.

परीक्षण का नतीजा

परीक्षण के दौरान, MP-ATGM ने लक्ष्य को निशाना बनाकर पूरी तरह से नष्ट कर दिया. वीडियो में देखा जा सकता है कि मिसाइल की सटीकता और विनाशकारी क्षमता ने लक्ष्य को चंद सेकंडों में ध्वस्त कर दिया. यह वीडियो DRDO के अधिकारियों द्वारा जारी किया गया, और इसे देखकर हर भारतीय गर्व महसूस कर रहा है.

भविष्य की संभावनाएं

MP-ATGM की सफलता न केवल भारतीय सेना की ताकत बढ़ाएगी, बल्कि भारत को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की ओर भी अग्रसर करेगी. यह मिसाइल भविष्य में अन्य देशों को भी निर्यात की जा सकती है, जिससे भारत की वैश्विक रक्षा उद्योग में उपस्थिति और मजबूत होगी.

DRDO द्वारा सफलतापूर्वक परीक्षण की गई यह मैन-पोर्टेबल एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल (MP-ATGM) भारत की रक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण जोड़ है. इस सफलता ने यह साबित कर दिया है कि भारत अपने बलबूते पर अत्याधुनिक हथियार बनाने और उनका सफल परीक्षण करने में सक्षम है. यह न केवल हमारी सुरक्षा को और अधिक मजबूत करेगा, बल्कि हमें आत्मनिर्भरता की दिशा में भी और आगे ले जाएगा.