VIDEO: पहला स्वदेशी LCH हेलीकॉप्टर भारतीय एयरफोर्स में शामिल, राजनाथ सिंह ने कहा- इसमें हैं प्रचंड शक्ति

IAF Light Combat Helicopters: राजस्थान के जोधपुर में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और IAF प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी की उपस्थिति में भारतीय वायु सेना में स्वदेशी रूप से विकसित पहले लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) के प्रेरण समारोह में एक 'सर्व-धर्म' प्रार्थना की जा रही है. रक्षा मंत्री ने आज इस हेलीकॉप्टर में शामिल किया. IAF: भारतीय वायुसेना की बढ़ेगी ताकत, आज पहली बार बेड़े में शामिल होंगें स्वदेशी लड़ाकू हेलीकॉप्टर, मिसाइलों से होगा लैस

लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) के भारतीय वायुसेना में शामिल होने पर रक्षा मंत्री राजनाथा सिंह ने कहा, 'आज वायुसेना में देश के प्रथम स्वदेशी LCH का इंडक्शन हो रहा है. प्रचंड शक्ति, प्रचंड वेग और प्रचंड प्रहार की क्षमता वाले इस LCH का इंडक्शन, हमारी वायुसेना की क्षमताओं में बढ़ोतरी के साथ-साथ, रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर भी एक बड़ा कदम है.'

लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (Light Combat Helicopter) को खास तौर पर ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए डिजाइन किया गया है. इस हेलीकॉप्टर में दो लोगों के बैठने की क्षमता है. सोमवार को इसे जोधपुर में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी की उपस्थिति में शामिल किया जाएगा.

 

इस हेलीकॉप्टर का वजन 5.8 टन है. इसमें कई तरह की मिसाइलें और हथ‍ियार इसमें लगाए जा सकते हैं. यह अधिकतम 268 किमी प्रतिघंटा की गति से उड़ सकता है. इसकी रेंज 550 किलोमीटर हैं. इस हेलीकॉप्टर की लंबाई 51.10 फीट और ऊंचाई 15.5 फीट है.

एक बार में यह लगातार 3 घंटे 10 मिनट उड़ सकता है. अधिकतम 6500 फीट की ऊंचाई तक जा सकता है. इसमें अनगाइडेड बम और ग्रेनेड लॉन्चर लगाए जा सकते हैं. ये हेलीकॉप्टर हवा से सतह और हवा से हवा में मार करने में सक्षम होते हैं.

इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (CCS) की बैठक में स्वदेश विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने की मंजूरी दी गई थी. इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए हैं.

अधिकारियों ने बताया कि एलसीएच ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर’ ध्रुव से समानता रखता है. इसमें कई में ‘स्टील्थ’ यानी राडार से बचने की विशेषता है. इसे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में तैनाती के लिए डिजाइन किया गया है. इसके अलावा बख्तर सुरक्षा प्रणाली, रात को हमला करने और इमरजेंसी की स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता है.