मुंबई, 28 मई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई विश्वविद्यालय से वीर सावरकर की बैरिस्टर डिग्री को बहाल करने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने को कहा है. भाजपा नेता राम कदम ने उनकी इस अपील का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि वीर सावरकर हमारे लिए सब कुछ हैं. बुधवार को समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत के दौरान कहा कि वीर सावरकर के साथ जीवन भर अन्याय हुआ. देश की आजादी के लिए उन्होंने जिस तरह का संघर्ष किया, वह सराहनीय है. दुर्भाग्य से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बार-बार अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया और उनका अपमान किया. लेकिन यह भाजपा की सरकार है और हमारे लिए वीर सावरकर ही सब कुछ हैं. उनकी डिग्रियां को वापिस बहाल कराने का महाराष्ट्र सरकार का प्रयास सराहनीय है.
वहीं, न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा के खिलाफ सरकार द्वारा महाभियोग प्रस्ताव लाए जाने की संभावना पर भाजपा नेता राम कदम ने कहा कि अगर न्याय देने वाला व्यक्ति ही न्यायाधीश की कुर्सी पर बैठकर इतना बड़ा भ्रष्टाचार करता है, तो निश्चित रूप से सरकार और संसद सभी के लिए समान न्याय सुनिश्चित करेगी. आप न्याय की कुर्सी पर बैठे हैं, न्यायाधीश की भूमिका में हैं- इतना सारा पैसा कहां से आया. क्या इसे लेकर आपके पास कोई जवाब है. स्वाभिवक तौर पर जो उचित कार्रवाई है वह होनी चाहिए. यह भी पढ़ें : Thane Smart Bus: ठाणे में CCTV और WiFi से लैस स्मार्ट बसों की हुई शुरुआत, डिप्टी CM शिंदे बोले, यात्रियों को मिलेगी बड़ी सुरक्षा; VIDEO
वीर सावरकर की डिग्रियों को लेकर मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा, " वीर सावरकर सिर्फ एक व्यक्ति नहीं थे, वे एक आंदोलन थे. वे अपने आप में एक संस्था थे. एक ज्वलंत आत्मा जो आज भी लोगों के मन में जोश भर देती है. वीर सावरकर का जीवन हमेशा मुवीर सावरकर हमारे लिए सब कुछ हैं, देश के लिए उनका संघर्ष सराहनीय: राम कदमझे प्रेरित करता रहा है, न केवल उनकी बेमिसाल बहादुरी के लिए बल्कि उनकी शक्तिशाली बुद्धि और क्रांतिकारी विचारों के लिए भी. छोटी उम्र में ही उन्होंने भारत की आज़ादी के लिए खुद को समर्पित करने की शपथ ली थी. अभिनव भारत, लंदन में इंडिया हाउस और मैजिनी के जीवन से प्रेरणा लेकर उन्होंने राष्ट्रवाद की ऐसी आग जलाई जो पीढ़ियों तक जलती रही."
उन्होंने फिर डिग्री वाली बात कही. बोले, " मैंने मुंबई विश्वविद्यालय से वीर सावरकर की बैरिस्टर डिग्री को बहाल करने के लिए एक विस्तृत प्रस्ताव तैयार करने को भी कहा है, जिसे अंग्रेजों ने अन्यायपूर्ण तरीके से रद्द कर दिया था. हम इसे पूरा करने के लिए ब्रिटेन में संबंधित संस्थानों के साथ मिलकर काम करेंगे, भले ही मरणोपरांत ही क्यों न हो. वीर सावरकर सिर्फ इतिहास से कहीं बढ़कर हैं, वे एक शाश्वत विचार हैं, निर्भीक विचार और भारत के प्रति अटूट समर्पण के प्रतीक हैं."












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