उत्तराखंड: केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल को खुलेगें, मुख्य पुजारी समेत 16 लोग रहेंगे मौजूद, आम भक्तों को मंदिर में दर्शन की अनुमति नहीं
केदारनाथ धाम (Photo Credits: ANI)

Coronavirus Lockdown: भारत में कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के बढ़ते प्रकोप और देशव्यापी लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) के बीच देवभूमि उत्तराखंड (Uttarakhand) में स्थित केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) के कपाट खोलने की तारीख को आगे बढ़ाने से मंदिर के पुजारियों (Temple Priests) ने साफ इनकार कर दिया है, जिसके बाद बताया जा रहा है कि अब उत्तराखंड के चार धामों में से एक केदारनाथ धाम के कपाट (Kedarnath Temple Portals) निर्धारित तिथि यानी 29 अप्रैल को खोले जाएंगे. दरअसल, केदारनाथ धाम के कपाट खोलने की तिथि हिंदू पंचांग के अनुसार तय की जाती है और इसका निर्णय उखीमठ में महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के दिन लिया जाता है.

हालांकि मंदिर के पुजारियों की तरफ से तारीख को आगे बढ़ाए जाने का विरोध किए जाने के बाद अब रुद्रप्रयाग (Rudraprayag) जिले में स्थित केदारनाथ मंदिर के कपाट 29 अप्रैल को खुलेंगे, लेकिन इस दौरान केवल मंदिर के मुख्य पुजारी समेत 16 लोगों को ही उपस्थित रहने की अनुमति दी गई है. जिला मजिस्ट्रेट मंगेश घिल्डियाल के अनुसार, केदारनाथ धाम के मुख्य पुजारी समेत 16 लोगों की मौजूदगी में मंदिर के कपाट खोले जाएंगे, लेकिन लॉकडाउन के मद्देनजर आम भक्तों को फिलहाल मंदिर में दर्शन की इजाजत नहीं होगी.

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केदारनाथ के कपाट खोलने के लिए छानी कैंप से रुद्र पॉइंट के बीच बर्फ की मोटी चादर हटाने का काम जोरों पर किया जा रहा है. इसी मार्ग से बाबा केदारनाथ की डोली गौरी कुंड से केदारनाथ तक जाती है. धार्मिक मान्यता के अनुसार, अक्षय तृतीया के बाद केदारनाथ के कपाट खोले जाते हैं. इस साल अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को है, जिसके बाद 29 अप्रैल को इस मंदिर के कपाट खोले जाएंगे, लेकिन भक्तों के मंदिर में दर्शन पर लॉकडाउन के मद्देनजर पाबंदी रहेगी. यह भी पढ़ें: 14 मई को केदारनाथ धाम और 15 मई को बद्रीनाथ धाम के खुलेंगे कपाट

गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को उत्तराखंड के संस्कृति मंत्री  सतपाल महाराज ने कहा था कि कोरोना वायरस लॉकाडउन के मद्देनजर केदारनाथ धाम के कपाट 14 मई को खोले जाएंगे, जबकि बद्रीनाथ मंदिर के कपाट 15 मई को खोले जाएंगे. बहरहाल, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम हिंदुओं की आस्था के प्रमुख केंद्र हैं. हर साल यहां दर्शन के लिए भक्तों का सैलाब उमड़ता है.