देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) में भारी बारिश के दौरान हुए भूस्खलन की घटनाओं में 42 और लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही वर्षाजनित घटनाओं में अब तक मरने वालों की संख्या 47 हो गई है. नैनीताल आपदा प्रबंधन विभाग ने जिले में 25 लोगों के मौत और सात लोगों के लापता होने की पुष्टि की है. कुमाऊं क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने से कई मकान ढह गए. कई लोग अब भी मलबे में फंसे हुए हैं. Uttarakhand Rains: सीएम पुष्कर सिंह धामी का बड़ा ऐलान, बारिश के चलते मारे गए लोगों के परिजनों को सरकार देगी 4 लाख का मुआवजा.
अधिकारियों ने बताया कि खराब मौसम के बीच कई घंटे के संघर्ष के बाद आज शाम नैनीताल से संपर्क बहाल कर दिया गया. कुमाऊं क्षेत्र में 42 और लोगों की मौत के साथ ही आपदा के कारण मरने वालों की संख्या 47 हो गई है क्योंकि पांच लोगों की मौत सोमवार को हुई थी.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. इसी के साथ बुधवार से चारधाम यात्रा आज दोबारा शुरू हो जाएगी. डीजीपी ने कहा कि बद्रीनाथ के आखिरी छोर चारधाम यात्रा के रास्ते को पूरी तरह बहाल कर दिया गया है. जोशीमठ से बद्रीनाथ के रास्ते को खोल दिया गया है.
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि गढ़वाल में स्थिति लगभग नियंत्रण में है. “मार्गों को फिर से खोल दिया गया है और बुधवार से 'चार धाम यात्रा' फिर से शुरू की जाएगी. बारिश ने मुख्य रूप से कुमाऊं क्षेत्र - नैनीताल, हल्द्वानी, उधम सिंह नगर और चंपावत को प्रभावित किया है.'' .
सीएम धामी ने चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के जिला मजिस्ट्रेट से चारधाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए तीर्थयात्रियों की खासतौर से देखभाल करने का निर्देश दिया. मंगलवार तक एनडीआरएफ ने उत्तराखंड के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से 300 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला.
भारी बारिश से उत्तर प्रदेश में चार लोगों की मृत्यु हो गयी. पहाड़ों में हुए बारिश से मैदानों में नदियों का जलस्तर बढ़ गया है. वहीं केरल में भारी बारिश की वजह से कई बांध भर गये हैं और कई जिलों को अलर्ट किया गया है.