ज्वालापुर, हरिद्वार की एक 15 वर्षीय लड़की के साथ मेरठ में 18 दिनों में चार लोगों द्वारा सामूहिक बलात्कार किया गया था. लड़की जनवरी के अंत में अपनी मां के डांटने के बाद अगले तीन हफ्तों तक घर से लापता थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, लड़की घर वापस आ गई, लेकिन उसके पास बलात्कारियों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी. उसे सिर्फ आरोपियों में से 2 के नाम पता थे. उसके आधार पर, लगभग एक महीने तक, पुलिस ने "मेरठ के इसरार और कादिर" के फेसबुक प्रोफाइल को स्कैन किया और अंत में उन्हें ट्रैक किया. UP: गाजियाबाद में दो रिश्तेदारों ने 10 साल की बच्ची के साथ किया गैंगरेप; गिरफ्तार.
पुलिस ने अब चारों आरोपियों को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया. ज्वालापुर पुलिस ने कहा कि लड़की के परिवार ने 30 जनवरी को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. अगले दो हफ्तों तक, पुलिस ने लड़की का पता लगाने की कोशिश करते हुए सीसीटीवी फुटेज के लगभग 2,000 क्लिप देखे. उन्होंने पाया कि उसने ज्वालापुर से सहारनपुर रोडवेज की बस ली थी. पुलिस ने ड्राइवर को ट्रैक किया और पाया कि लड़की वास्तव में सहारनपुर पहुंच गई थी.
सहारनपुर में लड़की को अपने घर ले जाने वाली एक महिला का भी पता लगाया गया और उसने खुलासा किया कि लड़की "एक आंटी से मिलने" के लिए दूसरी बस से मेरठ गई थी.
इसके बाद पुलिस ने सहारनपुर से दिल्ली और मेरठ जाने वाले रास्तों की सीसीटीवी फुटेज खंगाली. इस बीच, 18 फरवरी को, लड़की सदमे की स्थिति में घर वापस आ गई, और दो दिनों तक उसने कुछ नहीं बोला.
टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में सीनियर सब-इंस्पेक्टर नितेश शर्मा के हवाले बताया, "लड़की धीरे-धीरे सदमे से बाहर आई और उसने बताया कि मेरठ जाने वाली बस में उसकी मुलाकात एक गन्ने के खेत में काम करने वाले तीन दिहाड़ी मजदूरों से हुई थी. फिर उन्होंने उसे मेरठ के गन्ने के खेत में एक घर में बंद कर दिया और अगले 18 दिनों तक उसके साथ बलात्कार किया. इस घटना का पता मजदूरों के ठेकेदार को चला और उसने भी लड़की के साथ दुष्कर्म किया.
अंत में, उन्होंने उसे जाने दिया और हरिद्वार के लिए बस में बिठा दिया." शर्मा ने कहा कि जब लड़की वापस आई, तो उसके पास पुलिस को देने के लिए कोई जानकारी नहीं थी. उसने सिर्फ दो बलात्कारियों के नाम "इसरार" और "कादिर" बताए. वे उसे मेरठ ले गए, गन्ने के खेत को खोजने की कोशिश की, जहां उसे बंदी बनाया गया था, लेकिन लड़की उस जगह को नहीं पहचान पाई.
इसके बाद पुलिस ने फेसबुक पर आरोपियों की प्रोफाइल की खोज की. अंत में, उनमें से एक को लड़की ने पहचान लिया. कादिर की प्रोफाइल हमें इसरार तक ले गई. हमने लड़की के लिए फेसबुक प्रोफाइल बनाया और कादिर को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी. जब उसने कुछ दिनों के बाद स्वीकार किया, तो हमने उसे मिलने के लिए एक संदेश भेजा और उसका संपर्क नंबर लिया. उसने लड़की को मेरठ आने के लिए कहा. हम उसके बताए स्थान पर पहुंचे, उसे गिरफ्तार किया और फिर तीन अन्य आरोपियों का पता लगाया."
आरोपियों की पहचान अब्दुल कादिर, इसरार, नईम और उनके ठेकेदार अहसान के रूप में हुई है. वे चिलकाना, सहारनपुर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. IPC की धारा 376 (बलात्कार) और 365 (अपहरण) के तहत POCSO अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.