कोरोना को लेकर अलर्ट मोड पर UP, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं
सीएम योगी आदित्यनाथ (Photo Credits: PTI)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने राज्य में कोरोना की स्थिति को लेकर टीम-9 के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. इस दौरान सीएम योगी ने कहा कि ट्रेस, टेस्ट, ट्रीट नीति से कोरोना पर हुए प्रभावी नियंत्रण को बनाए रखने में जनसहयोग बहुत आवश्यक है. यह जरूरी है कि संयम और जागरूकता का क्रम सतत बना रहे. सभी प्रदेशवासी कोविड अनुकूल व्यवहार को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाएं. उन्होंने बताया कि 22 नए संक्रमण के मामले कानपुर में मिले हैं, जिनका गहनता से परीक्षण किया जाए और रोकथाम के लिए जिले स्तर पर व्यापक कार्यवाही कि जाए. उत्तर प्रदेश: रिश्वत लेते लेखपाल और उप निरीक्षक गिरफ्तार

सीएम योगी ने अधिकारीयों से कहा कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण बना हुआ है. ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट की नीति के अनुरूप सभी जरूरी प्रयास सतत जारी रखे जाएं. उत्तर प्रदेश सर्वाधिक कोविड टेस्टिंग करने वाला राज्य है. अब तक यहां 06 करोड़ 46 लाख 56 हजार 047 कोविड सैम्पल की जांच की जा चुकी है. विगत 24 घंटे में 02 लाख 53 हजार 94 कोविड सैम्पल की जांच की गई और 89 नए मरीजों की पुष्टि हुई, जबकि 116 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज हुए.

कोविड वैक्सीनेशन को और तेज करने का निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की प्रक्रिया को प्रोत्साहित किया जाए. प्रदेश में कोविड टीकाकरण का कार्य सुचारु रूप से चल रहा है. अब तक उत्तर प्रदेश में 04 करोड़ 57 लाख 17 हजार से अधिक कोविड वैक्सीन लगाए जा चुके हैं. इसमें, केवल जुलाई माह में एक करोड़ 45 लाख से अधिक वैक्सीन डोज लगाई गई है. यह किसी एक राज्य द्वारा किया गया सर्वाधिक वैक्सीनेशन है.

उन्होंने कहा “कोविड काल में हमारे चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ, अन्य सहयोगी स्टाफ ने सेवा कार्य का प्रेरक उदाहरण प्रस्तुत किया है. इसकी सराहना की जानी चाहिए. इसके साथ-साथ यह भी सुनिश्चित किया जाए कि हर मरीज को त्वरित चिकित्सा सुविधा उपलब्ध हो. इस संबंध में किसी भी स्तर पर लापरवाही स्वीकार्य नहीं होगी. शासकीय सेवा के लोग हों अथवा निजी/आउटसोर्सिंग सेवा से संबंधित लोग, निर्धारित दायित्वों का पूरी कर्मठता के साथ निर्वहन करें. लापरवाही/नेगलेजेंसी के कारण यदि प्रदेश में किसी भी मरीज की दुःखद मृत्यु हुई तो संबंधित कम्पनी, अधिकारी/कर्मचारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कठोरतम कार्रवाई करें. स्वास्थ्य विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग और गृह विभाग द्वारा इस आदेश का कड़ाई से अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित किया जाए.”