आगरा: उत्तर प्रदेश के इटावा से भाजपा सांसद रामशंकर कठेरिया को एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को दो साल की सजा सुनाई है. पुलिस ने सांसद रामशंकर कठेरिया के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमे में आरोपपत्र कोर्ट में दाखिल किया था. मुकदमे में गवाही और बहस की प्रक्रिया पूरी होने के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने शनिवार को लगभग 11 साल बाद फैसला सुनाया.
अदालत के फैसले के बाद सांसद रामशंकर कठेरिया ने मीडिया से बातचीत की. उन्होंने 12 साल पहले हुई घटना की जानकारी दी. Stones Pelted at Mosque: हरियाणा के रोहतक में मस्जिद पर किया पथराव, अज्ञात दंगाइयों के खिलाफ केस दर्ज
सांसद ने बताया, ''समसाबाद रोड पर एक महिला कपड़ों पर प्रेस करती थी. उनका एक टोरंट से जुड़ा मामला था. उसका बिल ज्यादा आ गया था. वो मेरे पास अपनी शिकायत लेकर आईं. फिर मैंने टोरंट के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि बिल ठीक कर दिया जाएगा. उसके 8 दिन बाद महिला अपने बच्चों को लेकर फिर से मेरे पास आई और कहा कि मेरा बिल कम नहीं हुआ है. मैं सुसाइड कर लूंगी और रोने लगी.''
उन्होंने बताया, ''इसके बाद मैं वहां से उठकर टोरंट के ऑफिस गया. वहां मैंने कहा तो बिल ठीक हो गया. चूंकि उस समय शायद बसपा की सरकार थी और राजनीति के चलते मेरे ऊपर कई मुकदमे लिखे गए थे. उसी क्रम में यह मुकदमा भी लिखा गया था. उसमें जो वादी थे, उन्होंने लिखा कि सांसद ने ऐसा कुछ नहीं किया. जो गवाह थे उन्होंने कहा कि सांसद को तो हमने ऑफिस में देखा भी नहीं. इन सबके बावजूद धारा 300 और 147 में मुकदमा लिखा गया.''
उन्होंने कहा, ''शनिवार को कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई है, साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है. मैं माननीय कोर्ट के फैसले का सम्मान करता हूं, स्वीकार करता हूं. अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए आगे अपील करूंगा.''
रामशंकर कठेरिया केंद्रीय राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. घटना के समय वह आगरा के सांसद थे. दो साल की सजा होने के बाद उनकी सांसदी जाने का खतरा मंडरा रहा है. किसी भी अपराध के लिए दो साल या उससे ज्यादा की सजा पाने वाले निर्वाचित प्रतिनिधि को लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत तत्काल अयोग्यता का सामना करना पड़ता है.
सांसद रामशंकर कठेरिया आगरा से दो बार सांसद रहे हैं. पहली बार 2009 में आगरा लोकसभा सीट से सांसद चुने गए थे. इसके बाद 2014 में भाजपा ने दोबारा टिकट दिया और उन्होंने जीत दर्ज की. 2014 में मोदी सरकार में उन्हें केंद्रीय मानव संसाधन राज्यमंत्री बनाया गया था. इसके बाद वह एससी आयोग के अध्यक्ष भी रहे.
2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने आगरा से उनका टिकट काट दिया. उनकी जगह वर्तमान में केंद्रीय राज्यमंत्री और सांसद प्रो एसपी सिंह बघेल को टिकट दिया गया था. कठेरिया को इटावा से टिकट दिया गया था.