नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. कैबिनेट ने पीएम ई-बस सेवा और विश्वकर्मा योजना को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘विश्वकर्मा योजना को मंजूरी प्रदान कर दी जिसके माध्यम से गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल कार्यों को बढ़ाने वाले कामगारों का कौशल विकास किया जायेगा तथा उन्हें ऋृण सुविधा एवं बाजार पहुंच प्रदान करने में मदद की जायेगी. इस योजना के तहत लोगों के पारंपरिक कौशल को आर्थिक मदद दी जाएगी. इस योजना के तहत तय शर्तों के तहत एक लाख रुपये तक का कर्ज मुहैया कराया जाएगा. लाल किले की प्राचीर से पीएम मोदी की हुंकार! अगले साल मैं फिर आऊंगा | Video.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्ण ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. यह योजना 13 हजार करोड़ रूपये की है और इससे 30 लाख पारंपरिक कारीगरों को लाभ होगा.
30 लाख पारंपरिक कारीगरों को मिलेगा लाभ
#Cabinet approves 'PM Vishwakarma' scheme to support traditional artisans and craftspeople of rural and urban India. The scheme aims to support 30 lakh families.
While the assistance of state governments will be necessary, the central government will bear all the expenses.… pic.twitter.com/0Nte38ddnC
— PIB India (@PIB_India) August 16, 2023
1 लाख रुपए तक का लोन मिलेगा
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में पारंपरिक कौशल वाले लोगों का समर्थन करने के लिए 'प्रधानमंत्री विश्वकर्मा' योजना को मंजूरी दी है. इस योजना के तहत उदार शर्तों पर 1 लाख रुपए तक का लोन उपलब्ध कराया जाएगा.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिलेगी गति
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि छोटे-छोटे कस्बों में अनेक वर्ग ऐसे हैं जो गुरु-शिष्य परंपरा के तहत कौशल से जुड़े कार्यों में लगे हैं. इनमें लोहार, कुम्हार, राज मिस्त्री, धोबी, फूल का काम करने वाले, मछली का जाल बुनने वाले, ताला-चाबी बनाने वाले, मूर्तिकार आदि शामिल हैं.
वैष्णव ने कहा कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में इन वर्गों का महत्वपूर्ण स्थान है और इन्हें नया आयाम देते हुए मंत्रिमंडल ने ‘विश्वकर्मा योजना’ को मंजूरी दी है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से इस योजना का संकेत दिया था.
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि इसमें इस बात पर ध्यान दिया जायेगा कि इन वर्गों का किस तरह से अधिक कौशल विकास हो तथा नए प्रकार के उपकरणों एवं डिजाइन की जानकारी मिले. उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत उपकरणों की खरीद में भी मदद की जायेगी. इसके तहत दो प्रकार का कौशल विकास कार्यक्रम होगा जिसमें पहला 'बेसिक' और दूसरा 'एडवांस' होगा. इस कोर्स को करने वालों को मानदेय (स्टाइपंड) भी मिलेगा. मंत्री ने बताया कि इस योजना के तहत प्रथम चरण में एक लाख रूपये का तक कर्ज दिया जायेगा जिस पर रियायती ब्याज (अधिकतम पांच प्रतिशत) देय होगा.