तीस हजारी कोर्ट हिंसा: दो हफ्ते बाद वकीलों की हड़ताल खत्म, कल से काम पर लौटेंगे सभी वकील
तीस हजारी कोर्ट परिसर (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: तीस हजारी कोर्ट (Tis Hazari Court) परिसर में करीब दो हफ्ते पहले पुलिस और वकीलों के बीच हुए खूनी संघर्ष से उबरे विवाद का अंत होता दिख रहा है. पुलिस के बाद अब वकीलों ने भी काम पर लौटने का फैसला किया है. दिल्ली डिस्ट्रिक्ट बार कोऑर्डिनेशन कमिटी ने शुक्रवार को अपनी हड़ताल खत्म करने का ऐलान कर दिया है. सभी वकील कल से अपने काम पर लौट रहे है.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की पुलिस और वकीलों के बीच उबरे इस विवाद को खत्मा करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर वरिष्ठ अधिकारियों की एक टीम बनाई गई थी. कोर्ट ने दोनों पक्षों को इस पूरे मामलें को जल्द से जल्द वार्ता के जरिए निपटाने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद उपराज्यपाल अनिल बैजल की उपस्थिति में रविवार शाम दोनों पक्षों के बीच मामलें को सुलझाने के लिए बातचीत हुई. वकीलों और पुलिस के बीच हुई खूनी लड़ाई का फुटेज आया सामने, वीडियो देख खड़ा हुआ सवाल, पथराव करने वाले वकील ही थे ?

तीस हजारी कोर्ट में हुई झड़प के विरोध में तीन नवंबर से ही दिल्ली की सभी छह जिला अदालतों में वकीलों ने अपना कामकाज रोक दिया था. हालांकि दिल्ली पुलिस ने कोर्ट परिसर की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर शुक्रवार को फिर काम शुरू कर दिया. वकीलों के साथ हुई झड़प के बाद से दिल्ली पुलिस ने तीस हजारी की सुरक्षा व्यवस्था का काम देखना बंद कर दिया था.

पुलिस उपायुक्त मोनिका भारद्वाज के अनुसार वर्तमान समय में पुलिसकर्मियों को कोर्ट परिसर के तीन प्रवेश द्वारों पर तैनात किया गया है. वहीं स्थिति बिगड़ने की आशंका के मद्देनजर करीब 20 पुलिसकर्मियों को सादे कपड़ों में तैनात किया गया है. साथ ही पुलिसकर्मियों को वकीलों को लेकर किसी भी विवाद की सूचना तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को देने के लिए कहा गया है.

उल्लेखनीय है कि दिल्ली की तीस हजारी अदालत में दो नवंबर को वकीलों और पुलिस के बीच झड़प हो गई थी. इस मामले में चार प्राथमिकी (एफआईआर) दर्ज की गई थी. इस मामले का मानवाधिकार आयोग ने भी संज्ञान लिया है. इस घटना के विरोध में पुलिसकर्मियों ने पुलिस हेडक्वार्टर के सामने प्रदर्शन भी किया था.

तीस हजारी कोर्ट परिसर में पुलिस लॉकअप के पास पार्किंग को लेकर एक वकील से विवाद हो गया था. इस दौरान पुलिस और वकील के बीच झड़प में हिंसा फैल गई और वकीलों ने पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी और महिला अधिकारियों के साथ बदसलूकी भी गई. दिल्ली हाईकोर्ट ने मामलें की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे, जिसकी रिपोर्ट छह हफ्ते में दाखिल करने को कहा गया है.