अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी आतंकी मन्नान वानी के समर्थन में सभा का आयोजन, 3 छात्र सस्पेंड
आतंकी मन्नान वानी मारा गया ( Photo Credit: twitter )

नई दिल्ली. जम्मू-कश्मीर में भारतीय सेना ने हिजबुल के आतंकी मन्नान बशीर वानी को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था. आतंकी मन्नान बशीर वानी अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का छात्र रह चुका है. जिसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र उसकी मौत पर एकजुट हुए. जिसके बाद बवाल मच गया. इस जानकारी के फौरन बाद यूनिवर्सिटी में हड़कंप मच गया और यूनिवर्सिटी प्रशासन आनफानन में 3 छात्रों को सस्पेंड कर दिया है. इस पहले वहां एकत्रित हुए भीड़ को प्रशासन ने अपनी तरफ से काफी समझाने का प्रयास भी किया लेकिन हालत को देखते हुए यह फैसला लिया. .

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में सेना लगातार आतंकियों का खात्मा कर रही है. सेना की ओर से आतंकियों को ढूंढ-ढूंढ कर मारा जा रहा है. जिसमें गुरुवार को सेना के इसी फेहरिस्त में एक और नाम जुड़ गया है. सेना के जवानों ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के पूर्व छात्र मन्नान वानी को हंदवाड़ा के शाटगुंड इलाके में मार गिराया था. मन्नान वानी ने आतंक का मार्ग चुना था. लेकिन उसके सफर नामा पर सेना विराम लगा दिया.

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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में पीएचडी का छात्र मन्नान वानी इस साल जनवरी में आतंकवादी संगठन में शामिल हुआ था. वानी शुरू से एक प्रतिभाशाली छात्र था, उसने मानसबल स्थित एक प्रतिष्ठित सैनिक स्कूल से 11वीं और 12वीं की पढ़ाई की थी. वानी को पढ़ाई के दौरान कई पुरस्कार भी मिले। घाटी में वर्ष 2010 में हुए विरोध प्रदर्शनों और हिजबुल मुजाहिद्दीन के पोस्टर बॉय बुरहान वानी की मौत के बाद वर्ष 2016 में हुए व्यापक प्रदर्शन से उसका कोई नाता नहीं था.

उसके आतंकी संगठन में शामिल होने की बात तब सामने आई जब बाबा गुलाम शाह बदशाह विश्वविद्यालय के बी.टेक के छात्र ईसा फजली जैसे दूसरे युवकों के आतंकवादी समूह में शामिल होने का पता चला. वानी के बाद, तहरीक-ए-हुर्रियत के अध्यक्ष मोहम्मद अशरफ सेहराई का बेटा एवं एमबीए का छात्र जुनैद अशरफ सहराई भी आतंकवादी समूह में शामिल होने के लिए गायब हो गया था.

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मन्नान वानी का अपने पिता बशीर अहमद वानी से भी बहुत लगाव था, जो कि कॉलेज लेक्चरर हैं. संभ्रांत परिवार से आने वाला वानी वर्ष 2011 से अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से पढ़ाई कर रहा था जहां उसने एम फिल की पढ़ाई पूरी करने के बाद भूविज्ञान से पीएचडी में प्रवेश लिया. आज भी कॉलेज की वेबसाइट पर उसे मिले पुरस्कारों के साथ नाम दर्ज है.

वानी के आतंकवादी बनने का सफर वर्ष 2017 के अंत में शुरू हुआ जब वह दक्षिण कश्मीर के कुछ छात्रों के संपर्क में आया. इस साल तीन जनवरी को उसने आतंकवादी संगठन का हिस्सा बनने के लिए अलीगढ़ छोड़ दिया था. यह खबर मिलते ही AMU प्रशासन ने उसे यूनिवर्सिटी से निष्काषित कर दिया था.( इनपुट भाषा )