
अगर आप होम लोन लेने की सोच रहे हैं, तो आपके लिए यह अच्छा मौका है. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने अप्रैल 2025 में रेपो रेट में 0.25% (25 बेसिस पॉइंट) की कटौती कर दी है. इसका सीधा फायदा होम लोन लेने वालों को मिलेगा क्योंकि ज्यादातर बैंक अपने होम लोन की ब्याज दरें रेपो रेट से लिंक करते हैं. इससे अब होम लोन की मासिक किस्त (EMI) कम हो जाएगी.
होम लोन की ब्याज दरें घटी
भारतीय रिजर्व बैंक के रेपो रेट घटाने के बाद पब्लिक सेक्टर (सरकारी) बैंकों ने अपने रेट में कटौती की है. 9 अप्रैल 2025 तक जिन बैंकों ने सबसे सस्ते होम लोन देना शुरू किया है, उनकी लिस्ट इस प्रकार है:
बैंक का नाम | शुरुआती ब्याज दर (प्रति वर्ष) |
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया | 8.10% |
सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया | 8.10% |
बैंक ऑफ महाराष्ट्र | 8.10% |
केनरा बैंक | 8.15% |
बैंक ऑफ बड़ौदा | 8.15% |
पंजाब नेशनल बैंक | 8.15% |
स्टेट बैंक ऑफ इंडिया | 8.25% |
पंजाब एंड सिंध बैंक | 8.25% |
गौर हो कि यह शुरुआती दरें हैं, आपकी क्रेडिट स्कोर और लोन अमाउंट के अनुसार ब्याज दर थोड़ी अलग हो सकती है.
किन बैंकों ने कितना घटाया रेट?
भारतीय रिजर्व बैंक की नई पॉलिसी के बाद कई सरकारी बैंकों ने अपने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) या एक्सटर्नल बेंचमार्क लेंडिंग रेट (EBLR) में कटौती की है:
- पंजाब नेशनल बैंक: पंजाब नेशनल बैंक ने रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट को घटाकर 10% से 8.85% कर दिया है (10 अप्रैल से लागू).
- इंडियन बैंक: इंडियन बैंक ने रेपो लिंक्ड बेंचमार्क लेंडिंग रेट (RBLR)05% से घटाकर 8.70% किया (11 अप्रैल से लागू).
- यूको बैंक: यूको बैंक ने फ्लोट रेट घटाकर 80% किया (10 अप्रैल से लागू).
- बैंक ऑफ इंडिया: बैंक ऑफ इंडिया ने रेपो लिंक्ड बेंचमार्क लेंडिंग रेट घटाकर 8.85% किया (9 अप्रैल से लागू).
- बैंक ऑफ बड़ौदा: बैंक ऑफ बड़ौदा ने 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है, लेकिन मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स-बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) में कोई बदलाव नहीं किया है.
रियल एस्टेट सेक्टर को मिलेगा फायदा
भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा अप्रैल 2025 में रेपो रेट में की गई 0.25% की कटौती का सीधा असर रियल एस्टेट सेक्टर पर दिखाई देगा. होम लोन की ब्याज दरें कम होने से लोगों की मासिक किस्त घटेगी, जिससे घर खरीदना पहले की तुलना में ज्यादा सस्ता और सुलभ हो जाएगा. जनवरी से मार्च 2025 के बीच रियल एस्टेट बिक्री में 23% से लेकर 28% की गिरावट आई थी, जो अब फिर से रफ्तार पकड़ सकती है.
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