Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग में 41 लोगों की जान बचाने की जद्दोजहद जारी है. पिछले 11 दिन से रेस्क्यू ऑपरेशन चल रहा है. हालांकि लगातार कोई ना कोई बाधा खड़ी हो जा रही है, जिसकी वजह से मजदूरों को बाहर निकालने में समस्या हो रही है. 23 नवंबर को जिस प्लेटफॉर्म पर अमेरिकी ऑगर मशीन काम कर रही थी, वह अस्थिर हो गया. अब इस प्लेटफॉर्म को स्थिर करने का काम किया जा रहा है, जिसमें थोड़ा और वक्त लग सकता है.
रेस्क्यू कर रहे अधिकारियों के मुताबिक 'टनल में अबतक 46.8 मीटर तक खुदाई की जा चुकी है, लेकिन आज सिर्फ 1.8 मीटर तक ड्रिलिंग पूरी हुई है. बरमा मशीन के लिए प्लेटफ़ॉर्म स्थिर होने के बाद ड्रिलिंग प्रक्रिया फिर से शुरू की जा सकती है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सिलक्यारा सुरंग में फंसे श्रमिकों से बातचीत कर उनका हौसला बढ़ाया
आज रात ऑपरेशन समाप्त होने की संभावना थी, लेकिन सुरंग के ढहे हुए हिस्से के मलबे के माध्यम से बरमा मशीन द्वारा ड्रिल किए जाने पर बाधा उत्पन्न हो गई. इसकी वजह से रेस्क्यू में देरी हो रही है.
प्रधानमंत्री कार्यालय के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि श्रमिकों को निकालने वाले रास्ते में लोहे का स्ट्रक्चर आ गया. हालांकि इसे आज हटा दिया गया. उत्तराखंड के चार धाम मार्ग पर निर्माणाधीन टनल का एक हिस्सा ढह जाने के बाद 11 दिन से मजदूर अंदर ही फंसे हुए हैं.
टनल में फंसे हुए श्रमिकों को 6 इंच चौड़ी नई ट्यूब के माध्यम से भोजन, दवाएं और अन्य आवश्यक चीजें भेजी जा रही हैं. इस ट्यूब का इस्तेमाल संचार के लिए भी किया जा रहा है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री वीके सिंह और एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल बचाव प्रयास की समीक्षा के लिए गुरुवार को सिल्क्यारा पहुंचे.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी सिल्क्यारा पहुंचे. इस दौरान उन्होंने मजदूरों से बात की और उनका हाल जाना. सीएम ने उन्हें रेस्क्यू ऑपरेशन के बारे में जानकारी दी. मुख्यमंत्री ने उनका मनोबल बनाये रखने के लिए उनकी सराहना की.