महारानी एलिजाबेथ की संपत्ति में सेंध लगाने वाला किशोर गिरफ्तार, लेना चाहता था जलियांवाला बाग हत्याकांड का बदला
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

लंदन पुलिस ने रविवार को कहा कि विंडसर कैसल में घुसने का प्रयास करने के बाद क्रॉसबो से लैस एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया, जहां महारानी एलिजाबेथ (Queen Elizabeth) क्रिसमस मना रही थी, लंदन पुलिस ने रविवार को कहा. पुलिस ने कहा कि साउथेम्प्टन, दक्षिणी इंग्लैंड के 19 वर्षीय व्यक्ति को क्रिसमस की सुबह महल के मैदान में प्रवेश करने के कुछ ही क्षणों में रोक दिया गया. पुलिस ने कहा, "शख्स को हिरासत में ले लिया गया है और उसके मानसिक स्वास्थ्य की जांच की गई. उसके बाद से शख्स पर मानसिक स्वास्थ्य अधिनियम के तहत धारा लगाई गई है और वह चिकित्सा प्रोफेशनल्स की देखरेख में है." शख्स की तलाशी के बाद एक क्रॉसबो बरामद किया गया है." यह भी पढ़ें: ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ द्वितीय ने क्रिसमस संदेश में दिवाली, वैशाखी, ईद का जिक्र किया

बता दें कि क्वीन एलिजाबेथ ने विंडसर कैसल में अपने बेटे, प्रिंस चार्ल्स, उनकी पत्नी, कैमिला और परिवार के अन्य करीबी सदस्यों के साथ COVID-19 महामारी के दौरान अधिकांश समय बिताया है, यहीं वो क्रिसमस मना रही थीं, जब रविवार को यह घटना घटी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, गिरफ्तार किशोर ने धातु की बाड़ पर चढ़ने के रस्सी की सीढ़ी का इस्तेमाल किया. रानी के शासनकाल के दौरान सबसे गंभीर घटना 1982 में हुई, जब एक घुसपैठिया दीवार पर चढ़ गया और बकिंघम पैलेस में उसके लंदन के घर में घुस गया और उनके कमरे में चला गया जहां वह बिस्तर पर थी.

डेली मेल का कहना है कि गिरफ्तारी से आधे घंटे पहले, 'स्नैपचैट पर एक वीडियो सामने आया था जिसमें एक क्रॉसबो पहने हुए व्यक्ति को '1919 के अमृतसर नरसंहार का बदला लेने के लिए रानी को मारने' की धमकी देते हुए दिखाया गया है. इससे अंदाजा लगाया जा रहा है कि वीडियो में दिख रहा शख्स किशोर है जिसे गिरफ्तार किया गया है. जसवंत सिंह चैल ने एक प्री-रिकॉर्डेड वीडियो अपलोड किया और उसकी आवाज को विकृत करने के लिए एक फिल्टर का इस्तेमाल किया.

वीडियो में शख्स ने कहा है,'मुझे खेद है. मैं जो कर रहा हूँ..उसके लिए मुझे खेद है, लेकिन वो मैं करूंगा..मैं शाही परिवार की महारानी एलिजाबेथ की हत्या का प्रयास करूंगा. यह 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड में मारे गए लोगों का बदला है. यह उन लोगों का भी बदला है जो अपनी जाति के कारण मारे गए, उन्हें अपमानित किया गया और उनके साथ भेदभाव किया गया. मैं एक भारतीय सिख हूं. मेरा नाम जसवंत सिंह चैल था और अब मेरा नाम डार्थ जोन्स है.

डेली मेल ने कहा, "पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि घुसपैठिए कैसे बर्कशायर महल के मैदान के चारों ओर नुकीले घेरे को पार करने में सक्षम हो गया.