मुंबई: अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत की जांच (Sushant Singh Rajput Death Case) पर अब मुंबई पुलिस और बिहार पुलिस आमने-सामने आ गई है. इस मामले पर पहली बार मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Parambir Singh) ने कहा, सुशांत के परिवार ने अपने बयान में पहले किसी पर शक नहीं जताया था. अब तक 56 लोगों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं, जितने भी एंगल आ रहे हैं हम हर एंगल से जांच कर रहे हैं, चाहे वो पेशेवर, फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन या हेल्थ से संबंधित जांच हो.
कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा, जांच में पता चला कि सुशांत को बायपोलर डिसऔडर था. उनके साइकेट्रिस्ट उनका इलाज कर रहे थे और वो निरंतर दवाईयां लेते थे. 'क्या परिस्थितियां थी कि उन्होंने अपनी जान ली' यही हमारा जांच का विषय है. उन्होंने कहा, जांच के दौरान किसी भी नेता का नाम हमारे सामने नहीं आया है. यह भी पढ़ें: 13 जून को क्या सुशांत सिंह राजपूत के घर पर हुई थी कोई पार्टी? मुम्बई पुलिस आयुक्त ने खोला राज.
परमबीर सिंह ने कहा, बिहार पुलिस की FIR में है कि सुशांत के खाते से 15 करोड़ रु. निकाले गए. जांच में हमने पाया कि उनके खाते में 18 करोड़ रु. थे, जिसमें से लगभग 4.5 करोड़ रु.अभी भी हैं. अभी तक रिया के खाते में कोई भी पैसा ट्रांसफर नहीं हुआ है लेकिन हम विस्तार से जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा, रिया के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर होने के कोई सबूत नहीं मिले हैं.
सुशांत सिंह मामले में बोले कमिश्नर परमबीर सिंह-
Bihar Police FIR says Rs 15 cr were siphoned off from Sushant's account. During the probe, we found he had Rs 18 cr in his account of which around Rs 4.5 cr are still there. Till now no direct transfer to Rhea Chakraborty's account found, still probing: Mumbai Police Commissioner pic.twitter.com/GaX1AJad69
— ANI (@ANI) August 3, 2020
कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा, सुशांत के पिता, तीन बहनों और जीजा का बयान 16 जून को दर्ज किया गया था. उस समय उन्होंने कोई संदेह नहीं उठाया और न ही उन्होंने हमारी जांच में किसी चूक के बारे में शिकायत की. कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा, सुशांत की मौत की एक्सीडेंटल डेथ रिपोर्ट 14 जून को बांद्रा पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई थी. अभी भी इन्वेस्टिगेशन जारी है और हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे हैं.
इस मामले में बिहार पुलिस की जांच के अधिकार के मामले में कमिश्नर परमबीर सिंह ने कहा, असहयोग का कोई सवाल ही नहीं है, हम कानूनी तौर पर जांच कर रहे हैं कि क्या यह बिहार पुलिस का अधिकार क्षेत्र है या नहीं. फिर भी, अगर उन्हें अधिकार क्षेत्र मिल गया है, तो उन्हें यह साबित करना चाहिए.