Supreme Court On Abortion, नई दिल्ली, 21 जुलाई: अपने 23 सप्ताह के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) से न मिलने के बाद एक अविवाहित महिला ने बुधवार को एक बार फिर उच्चतम न्यायालय का रुख किया और अपनी अपील को तत्काल सूचीबद्ध करने की मांग की. न्यायालय इस पर बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा. Mohammed Zubair Released: मोहम्मद जुबैर 24 दिन बाद जेल से रिहा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'हम पत्रकार को लिखने से नहीं रोक सकते'
महिला के वकील ने प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ से कहा कि मामले को आज भी सूचीबद्ध नहीं किया गया है, जबकि हर गुजरता दिन उसके लिए महत्वपूर्ण है.
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मैंने इसे सूचीबद्ध करने का आदेश दे दिया है. यह (मामला) कल आएगा.’’
याचिका का उल्लेख मंगलवार को भी किया गया था और आज सुनवाई की मांग की गई थी.
उच्च न्यायालय ने गर्भपात की अनुमति से इनकार करते हुए कहा था कि यह वस्तुतः भ्रूण की हत्या के बराबर है.
उच्च न्यायालय ने पिछले दिनों इस महिला को 23 सप्ताह के भ्रूण को समाप्त करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था और कहा था कि गर्भपात कानून के तहत आपसी सहमति से बनाये गये संबंध के कारण गर्भधारण की स्थिति में 20 सप्ताह के बाद गर्भपात की इजाजत नहीं है. हालांकि, उच्च न्यायालय ने महिला की इस दलील पर केंद्र से जवाब मांगा था कि अविवाहित महिलाओं को 24 सप्ताह तक के गर्भ को समाप्त करने की अनुमति नहीं देना भेदभावपूर्ण है.
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