नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी अदालत में गुरुवार (04 अक्टूबर) कई अहम मामलों पर सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट के साथ देश को सन्न कर देने वाले जेसिका लाल, नैना साहनी और प्रियदर्शिनी मट्टू हत्याकांड के दोषियों की पर सजा समीक्षा बोर्ड विचार कर सकता है, जिसकी वजह से आज देश के लोगों की नजर इन तीन बड़े मामले पर टिकी हुई है. बता दें कि बैठक में इन तीनों के साथ-साथ 100 अन्य कैदियों के नाम शामिल हैं, जिनकी सजा की समीक्षा की जाएगी.
जेसिका लाल हत्याकांड में सजा काट रहे मनु शर्मा और तंदूर कांड में सजा काट रहे सुशील शर्मा का नाम इन कैदियों की लिस्ट में पहले से शामिल था. इस लिस्ट में नया नाम प्रियदर्शनी मट्टू हत्याकांड में सजा काट रहे संतोष सिंह का भी शामिल किया गया है. यह भी पढ़े-विवेक तिवारी हत्याकांड: पोस्टमार्टम रिपोर्ट से हुए कई खुलासे, पुलिस के झूठ की हुई पोल-खोल
गौरतलब है संतोष सिंह को 1996 में बलात्कार और हत्या के मामले में फांसी की सजा सुनाई गई थी, जिसे बाद में दिल्ली हाईकोर्ट ने उम्रकैद में तब्दील कर दिया था.
वही मनु शर्मा मॉडल जेसिका लाल हत्याकांड में उम्र कैद काट रहे है तो सुशील शर्मा नैना साहनी तंदूर हत्याकांड में जेल में है. यह भी पढ़े-विवेक तिवारी हत्याकांड: सामने आया CCTV फुटेज, हुआ ये खुलासा
दिल्ली सरकार के अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक बीते सप्ताह दिल्ली के गृह मंत्री सत्येंद्र जैन के कार्यालय से इस रिव्यू र्मींटग के बारे में जानकारी मिली थी. आज इस बोर्ड की बैठक होगी, जिसमें इन सभी कैदियों की रिहाई को लेकर फैसला किया जा सकता है.
1-सुशील शर्मा: तंदूर में फेंकी बॉडी.
गौरतलब है कि दिल्ली युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सुशील शर्मा ने 2 जुलाई 1995 को अपनी पत्नी नैना साहनी की गोली मारकर हत्या कर दी थी। सुशील शर्मा ने अपने ही रेस्तरां के तंदूर में बॉडी के टुकड़े-टुकड़े कर जला दिया था.
2-संतोष कुमार: रेप के बाद हत्या की थी.
वही दिल्ली यूनिवर्सिटी की लॉ स्टूडेंट प्रियदर्शिनी मट्टू की जनवरी 1996 में नई दिल्ली स्थित घर में बलात्कार के बाद हत्या कर दी गई थी। यह मामला 14 साल तक चला.
3-मनु शर्मा : गोली मारकर जान ली थी.
वही मशहूर मॉडल जेसिका लाल की 29 अप्रैल, 1999 की रात दिल्ली के टैर्मंरड कोर्ट रेस्टोरेंट में कांग्रेस के दिग्गज नेता विनोद शर्मा के बेटे मनु शर्मा ने गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जेसिका ने मनु शर्मा को शराब परोसने से मना कर दिया था।
-जानिए सजा समीक्षा बोर्ड में कौन-कौन होता है शामिल.
दिल्ली के गृह मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति में प्रमुख सचिव (गृह), प्रमुख सचिव (विधि), महानिदेशक (जेल), संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध), मुख्य परिवीक्षा अधिकारी और एक जिला सदस्य, सदस्य के तौर पर शामिल होते हैं.