सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा हाईकोर्ट के आदेश पर लगाई रोक, कहा- घर जाने के लिए प्रवासी मजदूरों की कोरोना की जांच नेगेटिव  जरूरी नहीं
सुप्रीम कोर्ट (Photo Credits: IANS)

भुवनेश्वर: कोरोना वायरस (Coronavirus) के चलते देश में लागू लॉकडाउन के चलते बड़े पैमाने अलग- अलग राज्यों के प्रवासी मजदूर दूसरे अन्य राज्यों में फंस गए हैं. जिन मजदूरों को भारत सरकार द्वारा विशेष ट्रेन चालू किए जाने के बाद लाया जा रहा है. लेकिन अभी भी बड़े पैमाने पर लोग फंसे हुए हैं. कुछ इसी तरफ से ओडिशा के मजदूर दूसरे राज्यों में फंसे हुए हैं. जिन्हें ओडिशा सरकार लाना चाहती थी. लेकिन ओडिशा हाईकोर्ट (Orissa High Court) ने आदेश दिया था कि सरकार उन्ही मजदूरों को वापस लाए जो जांच में कोरोना नेगेटिव पाए जाए. जिस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुन्नौती दी गई थी. कोर्ट शुक्रवार को मामले पर सुनवाई करते हुए ओडिशा हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है.

दरअसल ओडिशा में कोरोना वायरस के मामले ना बढ़े दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को नहीं लाने को लेकर ओडिशा हाई कोर्ट में नारायण चंद्र जेना नाम के एक शख्स ने एक याचिका दायर की थी. याचिका में शख्स की तरफ से मांग की गई थी कि कोविड-19 के मामलों को देखते हुए राज्य में सिर्फ कोरोना निगेटिव को ही प्रवेश दिया जाए. जिस मामले पर कोर्ट वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई करते हुए राज्य सरकार से कहा कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित करे कि जो भी प्रवासी ओडिशा आना चाहते हैं. उनका पहले कोरोना का जांच करवाए. यदि वे जांच में नेगेटिव पाए जाते हैं तो उन्हें राज्य में वापस लाया जाए. यह भी पढ़े: ओडिशा में कोरोना वायरस से दूसरी मौत, संक्रमण के कुल मामले 179 हुए

सुप्रीम कोर्ट  ने क्या कहा:

बता दें कि दूसरे राज्यों की तरफ ओडिशा के मजदूर भी बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र, कोलकाता, मध्यप्रदेश, दिल्ली में 24 मार्च से ही फंसे हुए हैं. जिन मजदूरों को बाकी ने राज्यों की तरफ ओडिशा सरकार भी उन्हें लाना चाहती थी. लेकिन ओडिशा में इस याचिका के बाद राज्य सरकार अपने मजदूरों को ला नही पा रही थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद सरकार दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों को अपने राज्य वापस ला सकेगी.