नई दिल्ली. राज्यसभा चुनाव में नोटा का इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने 'इनमें से कोई नहीं (नोटा)' विकल्प की इजाजत देने से इनकार कर दिया है. चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविलकर और जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने राज्यसभा चुनाव के मतपत्रों में नोटा के विकल्प की इजाजत देने वाली चुनाव आयोग की अधिसूचना को रद्द कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात कांग्रेस के चीफ व्हिप शैलेश मनुभाई परमार की याचिका पर फैसला सुनाया है. बता दें कि राज्यसभा चुनाव में नोटा के उपयोग पर कांग्रेस के साथ एनडीए सरकार ने भी आपत्ति जताई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले कहा था कि नोटा की शुरूआत करके चुनाव आयोग मतदान नहीं करने को वैधता प्रदान कर रहा है. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई पूरी कर फैसला 30 जुलाई को अपने पास सुरक्षित रख लिया था.
Supreme Court says no NOTA (None of the above) in Rajya Sabha elections, citing that it should be applied in direct polls only pic.twitter.com/i3TSSrlOcp
— ANI (@ANI) August 21, 2018
गुजरात कांग्रेस के नेता शैलेश मनुभाई परमार ने कहा था कि राज्यसभा चुनाव में यदि नोटा के प्रावधान को मंजूरी दी जाती है तो इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा. गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस की याचिका पर नोटा पर रोक लगाने पिछले साल रोक लगाने से इनकार कर दिया था.