मुंबई, 6 सितंबर : शिवसेना के किसान नेता किशोर तिवारी ने मंगलवार को महाराष्ट्र में इस साल किसानों की रिकॉर्ड संख्या में आत्महत्या के लिए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और भारतीय जनता पार्टी के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस के सत्तारूढ़ गठबंधन की जमकर आलोचना की है. वसंतराव नायक शेती स्वावलंबन मिशन (वीएनएसएसएम) के अध्यक्ष तिवारी ने दावा किया कि कृषि संकट से निपटने के बजाय, शिंदे-फडणवीस के मंत्री और नेता विभिन्न क्षेत्रों में 'डान्स में व्यस्त' हैं.
तिवारी ने कई प्रभावित गांवों के दौरे कर कहा, "जनवरी से अब तक किसान आत्महत्या के मामले में यह वर्ष सबसे खराब साबित हो सकता है, एक चौंका देने वाला. 1,050 किसानों ने अपना जीवन समाप्त कर लिया है और सबसे खराब दौर जुलाई-अगस्त से शुरू हुआ, जो मानसून के दौरान फसल का मौसम है." यह भी पढ़ें : सिसोदिया ने सराय काले खां में तीन लेन के फ्लाईओवर के निर्माण की आधारशिला रखी
तिवारी ने कहा, "किसानों की त्रासदी के बारे में शीर्ष नेतृत्व को सूचित करने के बजाय, गुलाबराव पाटिल और अब्दुल सत्तार जैसे मंत्री, या नेता चंद्रशेखर बावनकुले और नवनीत कौर-राणा और कुछ लोग हाल के दिनों में विभिन्न उत्सवों के अवसरों पर 'फुगड़ी' में नाचते हुए देखे गए." पिछले एक सप्ताह में, दो दर्जन से अधिक किसानों ने खुदकुशी की है, जाहिर तौर पर स्थानीय साहूकारों या दलालों के भारी कर्ज के बोझ के नीचे, लेकिन प्रशासन या राजनीतिक नेतृत्व ने कोई कदम नहीं उठाया है.
तिवारी ने कहा, "मैं जिन गांवों का दौरा कर रहा हूं, उनमें से किसी भी राज्य के अधिकारी ने आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों का दौरा नहीं किया है और लोगों ने शिकायत की है कि सरकार और मंत्रियों के लंबे दावों के बावजूद उन्हें कोई सहायता नहीं मिली है." ब्योरा देते हुए उन्होंने कहा कि शिंदे-फडणवीस शासन ने सहायता देने को लेकर लंबी-चौड़ी घोषणाएं की हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर स्थिति बिल्कुल अलग है और 'दुखद परिवार अपनी जरूरत के समय में अनदेखी किए जाने पर गुस्से में हैं.'
उन्होंने कहा कि राज्य के पूर्वी क्षेत्र विदर्भ में अमरावती, यवतमाल, चंद्रपुर, भंडारा और वर्धा जिले में सबसे ज्यादा आत्महत्याएं हुई हैं और पिछले महीने (अगस्त) में अकेले यवतमाल में 40 मौतें हुईं. वीएनएसएसएम प्रमुख ने खेद व्यक्त किया कि शिंदे-फडणवीस सरकार 'आने वाले निकाय चुनाव जीतने के लिए राजनीतिक रणनीतियों के लिए' सक्रिय हैं, यहां तक कि राज्य में आत्महत्या प्रभावित परिवार गणेशोत्सव के खुशी के त्योहार के दौरान भी शोक में हैं.