Shardiya Navratri 2022: इस नवरात्रि पर माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर आयेंगी! जानें कैसे पता चलता है कि नवरात्रि पर मां दुर्गा किस वाहन पर आयेंगी?
नवरात्रि (Photo: Wikimedia Commons)

पौराणिक ग्रंथों के अनुसार माँ दुर्गा, जिन्हें शक्ति, भगवती आदि तमाम नामों से जाना जाता है उनकी मूल सवारी सिंह (शेरावाली) वर्णित है. युद्ध में भी राक्षसों का संहार करने के लिए वह सिंह पर सवार होना पसंद करती हैं. तस्वीरों एवं प्रतिमाओं में भी उन्हें सिंह पर सवार दिखाया जाता है, लेकिन देवी पुराण में उल्लेखित है कि प्रत्येक नवरात्रि पर अपने भक्तों से मिलने वह भिन्न-भिन्न वाहन पर सवार होकर आती हैं. वास्तु शास्त्रियों के अनुसार इस वर्ष नवरात्रि पर माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर पृथ्वी पर अवतरित होंगी. यहां हम बात करेंगे कि आखिर माँ दुर्गा के पृथ्वी पर अवतरित होने के लिए किस आधार पर उनके वाहनों का चयन किया जाता है.

गत दो वर्षों से कोविड-19 के कारण सार्वजनिक कार्यक्रमों पर लगे प्रतिबंधों के बाद सभी को उम्मीद है कि इस वर्ष शारदीय नवरात्रि वे पूरे उत्साह एवं धूम के साथ मना सकेंगे. उत्तर भारत, महाराष्ट्र एवं गुजरात में तो नवरात्रि की सुगबुगाहट अभी से दिखने लगी है. 25 सितंबर, 2022 को श्राद्ध पक्ष की समाप्ति के साथ ही 26 सितंबर 2022, दिन सोमवार से नवरात्रि पर्व की धूमधाम शुरू हो जायेगी. ज्योतिष शास्त्रियों के अनुसार इस वर्ष नवरात्रि पर माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर पृथ्वी पर अवतरित होंगी. पहले दिन उऩकी पूजा मां शैलपुत्री के रूप में की जायेगी.

कैसे तय होता है माँ का वाहन क्या होगा?

अकसर सुनने में आता है कि अमुक नवरात्रि पर दुर्गाजी अमुक वाहन पर सवार होकर आयेंगी. वस्तुतः वह कब किस वाहन से पृथ्वी पर अवतरित होंगी, यह पंचांग के अनुसार नवरात्रि की प्रतिपदा के आधार पर निश्चित होता है. इस श्लोक से यह बात विस्तार से समझी जा सकती है.

शशिसूर्ये गजारूढ़ा शनिभौमे तुरंगमे. गुरौ शुक्रे चदोलायां बुधे नौका प्रकी‌र्त्तिता.

गजे च जलदा देवी छत्र भंगस्तुरंगमे. नौकायां सर्वसिद्धि स्यात डोलायां मरण ध्रुवम्.

आश्विन शुक्लपक्ष से शारदीय नवरात्रोत्सव की शुरुआत होती है. अगर पहले दिन रविवार अथवा सोमवार पड़ता है तो इस दिन माँ दुर्गा हाथी पर सवार होकर पृथ्वी पर आती हैं, नवरात्रोत्सव शनिवार या मंगलवार से शुरू होता है तो यह संकेत होता है कि माँ भगवती तुरंग (घोड़ा) पर सवार होकर आयेंगी. जबकि गुरुवार या शुक्रवार को प्रतिपदा है तो दुर्गाजी डोली पर सवार होकर आती हैं. इसके विपरीत प्रतिपदा के दिन बुधवार होने पर मांँ नाव की सवारी करना पसंद करती हैं.

जानें क्या है इन वाहनों पर सवार होने का संकेत!

माँ दुर्गा जिस वाहन से धरा पर अवतरित होती हैं तो उससे पूरे साल के घटनाक्रमों का अनुमान लगाया जा सकता है. रविवार अथवा सोमवार के दिन हाथी पर सवार होकर माँ आती हैं तो यह पूरे वर्ष अति जल वृष्टि का संकेत हो सकता है. माँ घोड़े पर सवार होकर आती हैं तो यह राजा अथवा सरकार के परिवर्तन का संकेत हो सकता है. गुरूवार अथवा शुक्रवार का दिन जन-धन की हानि, अथवा अनावश्यक रक्तपात का संकेत हो सकता है. नौका पर विराजमान होकर आने का मतलब वह अपने भक्तों को आवश्यक सिद्धी देती हैं.