ब्रिटिश शासन के दौरान, पूर्वोत्तर के आदिवासी क्षेत्रों का बड़ा हिस्सा असम और पूर्वी बंगाल के प्रशासन के अधीन था. भारत की स्वतंत्रता के बाद, 1972 में मेघालय को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला, जिसका श्रेय एक शांतिपूर्ण 'पहाड़ी राज्य' आंदोलन को दिया गया. इस शांतिपूर्ण आंदोलन का एक मुख्य कारण 1960 में आदिवासी क्षेत्र की आधिकारिक क्षेत्रीय भाषा के रूप में असमिया भाषा को लागू करना था...
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