नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को कहा कि सोशल मीडिया (Social Media) का दुरूपयोग खतरनाक साबित हो सकता है इसलिए इससे जुड़ा नियम बनाने को लेकर यथाशीघ्र निर्णय लेने की आवश्यकता है. देश की शीर्ष कोर्ट ने इस बारे में केंद्र सरकार से भी तीन हफ़्तों के भीतर जवाब मांगा है.
जस्टिस दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरूद्ध बोस की पीठ ने आज सुनवाई करते हुए कहा ‘हम यह कहकर दूर नहीं जा सकते हैं कि हमारे पास ऑनलाइन अपराध करने वालों को ट्रैक करने की तकनीक नहीं है, अगर ऐसा करने के लिए कोई तकनीक है, तो इसे रोकने के लिए भी तकनीक होगी.’ पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत या उच्च न्यायालय इस वैज्ञानिक मुद्दे पर निर्णय लेने में सक्षम नहीं है और इन मुद्दों से निबटने के लिये सरकार को ही उचित दिशानिर्देश बनाने होंगे.
Supreme Court says, we can't get away by saying that we don't have a technology to track originators of online crime, if there is a technology to do it, then there is a technology to stop it. https://t.co/wIhiNAk7nz
— ANI (@ANI) September 24, 2019
उन्होंने कहा कि ऑनलाइन अपराध करने वालों का पता लगाना जरुरी है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सोशल मीडिया के दुरुपयोग को रोकने के लिए वैधानिक दिशानिर्देशों को तैयार करने के लिए एक निश्चित अवधि बताने के लिए कहा है. कोर्ट ने केंद्र से तीन सप्ताह के भीतर हलफनामा देकर जवाब देने के लिए कहा है.
उधर, सोशल मीडिया पर दो पोस्टर वायरल हो रहे हैं, जिसमें 'न्यूड पार्टी' का प्रचार प्रसार किया जा रहा है. इसमें उत्तरी गोवा के मोरजिम समुद्र तट के पास 'असीमित सेक्स' का वादा किया जा रहा है. यह भी कहा जा रहा कि विदेशी और भारतीय महिलाएं इसमें शामिल होंगी. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.