सऊदी अरब ( Saudi Arabia ) में तेल की दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी अरामको के दो तेल संयंत्रों पर हमले के बाद ऑइल इंडस्ट्री (Oil Industry) को बड़ा झटका लगा है. हमलों के बाद कच्चे तेल की कीमत (Oil prices) सबसे अधिक दर्ज की गई है. यह बीते चार महीने में सबसे अधिक है. अबकीक और खुरैस ऑयल प्लांट पर ड्रोन से हमला हुआ था जिसके बाद यहां से उत्पादन आधा हो गया. जिसके कारण तेल की कीमतों में इजाफा हो रहा है. सोमवार को ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतें
हांगकांग के तेल बाजार में 11.77 प्रतिशत बढ़कर 67.31 अमेरिकी डॉलर प्रति बैरल हो गई हैं. वहीं इस हमले के बाद अमेरिका के प्रेसिडेंट ट्रंप ने रिजर्व तेल के इस्तेमाल करने की मंजूरी पास कर दी है. अगर हालत जल्द नहीं बदला तो इसका भारत में भी देखा जा सकता है.
बता दें कि इस्लामी सहयोग संगठन (OIC) के विदेश मंत्रियों ने सऊदी अरब के तेल संयंत्रों पर हुए ड्रोन हमले की रविवार को निंदा की, इस हमले के लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया है. पड़ोसी यमन में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने तेल कंपनी अरामको के दो संयंत्रों पर शनिवार को हुए हमलों की जिम्मेदारी ली. यमन में सऊदी अरब नीत सैन्य गठबंधन पांच साल से चल रहे संघर्ष में फंसा हुआ है.
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वहीं इस हमले के बाद अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को कहा था कि सऊदी अरब में तेल संयंत्रों पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया देने के लिए अमेरिका तैयार है. यह पहला मौका है जब राष्ट्रपति ने एक संभावित अमेरिकी सैन्य प्रतिक्रिया का संकेत दिया है. ट्रम्प ने ट्वीट किया था, सऊदी अरब मे तेल संयंत्र पर हमला हुआ. हमारे पास यह मानने का वाजिब कारण है कि हम अपराधी को जानते हैं. यदि इसकी पुष्टि हो जाती है तो हम तैयार हैं लेकिन हम इसके बारे में सऊदी अरब से जानना चाहते हैं कि इस हमले का क्या कारण है. ( भाषा इनपुट )