एक जूनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने हाल ही में Reddit पर अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि उन्होंने Amazon में नौकरी ज्वाइन की और सिर्फ 5 हफ्तों में ही इस्तीफा दे दिया. यह पोस्ट तेजी से वायरल हो गई है क्योंकि इसमें Amazon जैसे बड़े कॉरपोरेट के वर्क कल्चर, दबाव और ऑफिस पॉलिटिक्स पर खुलकर बात की गई है. इंजीनियर के मुताबिक, उन्होंने बतौर L4 SDE (Software Development Engineer) ज्वाइन किया और ज्वाइनिंग के सिर्फ 3 हफ्ते बाद ही उन्हें एक हाई-विजिबिलिटी प्रोजेक्ट सौंप दिया गया.
शख्स ने बताया कि शुरुआत में उन्हें कहा गया कि वे बहुत तेजी से काम कर रहे हैं, जिसे उन्होंने पॉजिटिव समझा. लेकिन जब वे सीनियर इंजीनियर्स से टास्क मांगते, तो वे नाराज हो जाते. मैनेजर ने भी सलाह दी कि वे टीममेट्स की फीडबैक को नजरअंदाज कर बस तेजी से काम करें.
ऑफिस पॉलिटिक्स और बढ़ते विवाद
इंजीनियर ने बताया कि धीरे-धीरे विभाग में पासिव एग्रेसिवनेस और गुस्सा बढ़ता गया. एक L7 बार रेजर (सीनियर अधिकारी) अचानक उनकी मीटिंग्स में आने लगे, काम सौंपने लगे और एस्केलेशन भी करने लगे. फिर मैनेजर ने उल्टा कहा कि अब उन्हें डेडलाइन्स को इतना गंभीरता से नहीं लेना चाहिए और सीखने पर ध्यान देना चाहिए यानी, एक ही मैनेजर की बातें भी बदल रही थीं, जिससे कन्फ्यूजन और ज्यादा बढ़ गया.
स्ट्रेस, और लंबे काम के घंटों के चलते इस्तीफा
रेडिट पोस्ट के अनुसार, इंजीनियर रोजाना 10 घंटे ऑफिस में रहते थे. लगातार विरोधाभासी फीडबैक और दबाव के बीच वे मानसिक रूप से परेशान होने लगे. आखिरकार उन्होंने इस्तीफा दे दिया, जबकि मैनेजर ने समझाने की कोशिश की कि उन्हें “मेंटली स्ट्रॉन्ग” रहना चाहिए.
टेक प्रोफेशनल्स में छिड़ी बहस
इस कहानी ने सोशल मीडिया पर बड़ी बहस छेड़ दी है. कई लोगों का कहना है कि बड़ी टेक कंपनियों में जूनियर इंजीनियर्स पर हाई-विजिबिलिटी प्रोजेक्ट का दबाव डालना आम बात है. वहीं, कुछ का मानना है कि ऑफिस पॉलिटिक्स और बदलती उम्मीदें नए कर्मचारियों के लिए सबसे बड़ी चुनौती बन जाती हैं.











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