RBI: आम जनता को महंगाई से राहत मिलने की उम्मीद, गांव-शहर में आर्थिक गतिविधियों ने पकड़ी रफ्तार
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: IANS)

नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) महामारी के बीच एक बार फिर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने प्रमुख ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने शुक्रवार को मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के फैसले की घोषणा करते हुए कहा कि एमपीसी ने रेपो रेट को चार फीसदी पर बरकार रखने का फैसला लिया है. इसके साथ ही रिवर्स रेपो रेट में भी कोई बदलाव नहीं हुआ है. रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार रहेगी. एमपीसी ने उम्मीद जताई है कि आने वाले समय में महंगाई घटेगी. आरबीआई नीतिगत दर को रख सकता है यथावत, आर्थिक वृद्धि अनुमान में संशोधन की उम्मीद: उद्योग विशेषज्ञ

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति ने एकमत से पॉलिसी रेपो रेट को बिना किसी फेरबदल के 4% रखने के लिए वोट किया है. एमएसएफ (MSF) रेट और बैंक रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4.25% है और रिवर्स रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% है. उन्होंने कहा “हम वित्तीय क्षेत्र की स्थिरता को बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसे करने के लिए जो भी जरूरी होगा हम करेंगे.”

उन्होंने बताया कि एमपीसी ने मौद्रिक नीति के समायोजन के रुख को तब तक जारी रखने का निर्णय लिया, जब तक चालू वित्त वर्ष में आर्थिक हालात में टिकाऊ आधार पर सुधार नहीं होता है. साथ ही मुद्रास्फीति को भी नियंत्रण में रखना है. 2021 के लिए वास्तविक जीडीपी विकास (-) 7.5% अनुमानित है. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि ग्रामीण मांग में और सुधार होने की उम्मीद है जबकि शहरी मांग भी गति पकड़ रही है.

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि देश में खुदरा महंगाई दर चालू वित्त वर्ष 2020-21 की तीसरी तिमाही में 6.8 फीसदी रह सकती है, लेकिन चौथी तिमाही में घटकर 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है. वहीँ, अगले वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा महंगाई दर 5.2 फीसदी से लेकर 4.6 फीसदी के बीच रहने की संभवना है. (एजेंसी इनपुट के साथ)