अमृतसर: देश में जारी कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के बीच पंजाब (Punjab) में किसानों (Farmers) द्वारा खेतों में पराली (Wheat Stubble) जलाए जाने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है. पिछले पांच हफ्तों में पराली जलाए जाने की 12 हजार से भी ज्यादा घटनाएं सामने आ चुकी हैं, जो साल 2019 की तुलना में कही ज्यादा है. दरअसल, अगले महीने धान की रोपाई (Peddy Plantation) का जानी है, इसलिए पंजाब के अमृतसर (Amritsar) में किसान (Farmer) अपने खेतों को साफ करने में जुटे हैं और पराली में आग लगा रहे हैं. एक किसान का कहना है कि पराली को आग लगाना उनकी मजबूर है. उनकी मानें तो दिल्ली सरकार जो उन पर प्रदूषण (Pollution) बढ़ाने का आरोप लगाती है वो गलत है. किसान ने कहा कि लॉकडाउन के चलते जो फैक्ट्रियां बंद हुई हैं, उनकी वजह से प्रदूषण का स्तर कितना कम हुआ है. हमें 6000 रुपए एकड़ मुआवजा दिया जाए, ताकि हम पराली को जलाने के बजाय उसका कोई और हल निकाल सकें.
लुधियाना स्थित पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर द्वारा एकत्र किए गए आंकड़ों के मुताबिक इस साल 15 अप्रैल से 23 मई तक पंजाब में पराली जलाए जाने की 12,574 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जबकि साल 2018 और 2019 में इस अवधि के दौरान पराली जलाने की 11,110 और 10,357 घटनाएं सामने आई थीं.
खेतों में पराली जलाते किसान
पराली को आग लगाना हमारी मजबूरी है।दिल्ली सरकार जो हम पर प्रदूषण बढ़ाने के आरोप लगाती है वो गलत है।आप भी देख लीजिए कि अभी जो फैक्ट्रियां बंद हुई है उसकी वजह से कितना प्रदूषण कम हुआ है। हमें 6000 रुपए एकड़ मुआवजा दिया जाए ताकि हम पराली का कोई हल निकाल सके: किसान,अमृतसर pic.twitter.com/OaGo3k86Lf
— ANI_HindiNews (@AHindinews) May 24, 2020
गौरतलब है कि फसलों की कटाई के बाद खेतों में बची पराली का निस्तारण करने की जगह किसान उसमें आग लगा देते हैं. बता दें कि पराली जलाने पर जुर्माने का प्रावधान भी है, लेकिन प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं किए जाने की वजह से किसान बेखौफ होकर पराली जलाते हैं. हालांकि किसान इस बात से अंजान हैं कि इससे प्रदूषण का खतरा बढ़ने के साथ-साथ खेत में कीट भी मर रहे हैं, जिसके चलते फसलों की उत्पादकता कम हो रही है.