Punjab Congress Crisis: पंजाब कांग्रेस में जारी घमासान के बीच पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत (Congress Leader Harish Rawat) ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं (Punjab Congress Party Workers) को इस तरह मीडिया में आकर बयानबाजी करने से बचना चाहिए. अगर उन्हें कुछ दिक्कत है तो वे अपने वरीष्ठ नेताओं (Congress Senior Leaders) से बातचीत कर के समस्या का हल निकालें. वहीं जब हरीश रावत से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये बात मुझ पर भी लागू होती है कि मैं मीडिया में इस तरह बयानबाजी करके अपनी समस्याएं नहीं रखूं. अगर मैं खुद ये नहीं चाहता तो मैं अपनी पार्टी के अन्य साथियों से भी यही उम्मीद करूंगा कि वो मीडिया में आकर बयानबाजी से बचें.
वहीं जब पत्रकारों ने जब हरीश रावत से पूछा कि क्या इस तरह कांग्रेस के विधायकों और नेताओं के मीडिया में बयानबाजी से क्या पार्टी को नुकसान हुआ है तो उन्होंने इस मामले में कुछ नहीं कहा. हालांकि रावत ने कहा कि, अभी चुनाव नजदीक है सभी को साथ आकर टीम वर्क करने की जरूरत है.
#WATCH | "When I restrain myself from communicating with party leaders via media, I expect the same from my colleagues," says Punjab Congress in-charge Harish Rawat in Mohali pic.twitter.com/5qJZkgVuGN
— ANI (@ANI) September 1, 2021
बता दें कि इससे पहले पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत मंगलवार शाम चंडीगढ़ पहुंचे थे. रावत ने यहां, पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू सहित कैबिनेट मंत्री राणा सोढी और अन्य मंत्रियों और विधायकों से मुलाकात कर मामले को सुलझाने की कोशिश की थी. इस दौरान सिद्धू खेमे ने पंजाब में नेतृत्व में बदलाव करने की मांग उठाई थी. हालांकि इस पर पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत ने दो टूक कहा था कि यह बदलाव का नहीं, संगठन को मजबूत करने का समय है.
वहीं इस दौरान पंजाब प्रभारी हरीश रावत ने नवजोत सिद्धू से बातचीत के बाद कहा था कि चुनाव नजदीक हैं इसलिए संगठन विस्तार को लेकर चर्चा हुई है. चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी को योग्यता के अनुसार काम सौंपा जाएगा. जल्द ही इसके लिए कमेटियों का भी गठन किया जाएगा. रावत ने कहा था कि सिद्धू ने आश्वासन दिया है कि आने वाले 15 दिनों के भीतर संगठन के ढांचे को लेकर काम शुरू हो जाएगा.
वहीं दूसरी ओर हरीश रावत ने अपने ‘पंज प्यारे’ वाले बयान पर माफी भी मांगी. उन्होंने कहा कि वह एक गुरुद्वारे में झाडू लगाकर अपनी टिप्पणी के लिए प्रायश्चित करेंगे. कांग्रेस की प्रदेश इकाई में चल रहे मनमुटाव के बीच रावत मंगलवार को चंडीगढ़ आए थे और उन्होंने पंजाब कांग्रेस भवन में बैठक के बाद, राज्य के कांग्रेस प्रमुख एवं चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए ‘पंज प्यारे’ शब्द का उपयोग किया था.
सिख परंपरा में ‘पंज प्यारे’ संबोधन गुरु के पांच प्यारों के लिए इस्तेमाल किया जाता है. यह सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह और उनके पांच अनुयायियों से जुड़ा हुआ है, जिन्होंने खालसा पंथ की स्थापना की थी. बता दें कि रावत ने बुधवार को अपने फेसबुक पेज पर ‘पंज प्यारे’ टिप्पणी के लिए अपनी ‘गलती’ स्वीकार की. रावत ने लिखा, ‘‘कभी कभी सम्मान जाहिर करने के लिए आप ऐसे शब्द का इस्तेमाल कर जाते हैं जिन पर आपत्ति उठ सकती है. मैंने भी अपने माननीय अध्यक्ष और चार कार्यकारी अध्यक्षों के लिए ‘पंज प्यारे’ शब्द का इस्तेमाल कर गलती की है.’’