क्या यूपी में बदला जाएगा CM? बीजेपी में जारी उठापटक पर भूपेंद्र चौधरी ने दिया बड़ा बयान

पिछले कुछ दिनों से उत्तर प्रदेश बीजेपी में हलचल मची हुई है. राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर जारी है, और इस बीच यूपी बीजेपी चीफ भूपेंद्र चौधरी का बयान सामने आया है. उन्होंने स्पष्ट किया है कि भारतीय जनता पार्टी एक लोकतांत्रिक दल है, जहां सभी को अपनी बात रखने का अधिकार है. उन्होंने कहा, "हम अनुशासन के साथ आगे बढ़ रहे हैं, और नतीजे हमारी उम्मीद के अनुसार नहीं आए. हम खामियों पर काम कर रहे हैं." साथ ही, मुख्यमंत्री पद पर चल रही अटकलों को खारिज करते हुए उन्होंने कहा, "सीएम बदलने की चर्चा गलत है."

यूपी की राजनीति में मची हलचल

उत्तर प्रदेश की राजनीति में पिछले कुछ दिनों से माहौल गरमाया हुआ है. बयानबाजी, मुलाकातें और अंदरखाने बैठकों की खबरों ने सियासी माहौल को और गरमा दिया है. लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार समीक्षा बैठकें कर रहे हैं. सभी मंडलों के विधायकों, सांसदों और मंत्रियों को बुलाया जा रहा है. अब तक वाराणसी को छोड़कर सभी मंडलों की बैठकें हो चुकी हैं, और आज लखनऊ मंडल की बैठक सुबह 11:30 बजे रखी गई है.

समीक्षा बैठकों का दौर

इन समीक्षा बैठकों में मुख्यमंत्री ने विधायकों, मंत्रियों और अन्य जनप्रतिनिधियों से उनके विचार जानने का प्रयास किया. हालांकि, कुछ बैठकें विवादों से भी घिरी रहीं. डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य प्रयागराज की बैठक में शामिल नहीं हुए, वहीं भूपेंद्र चौधरी मुरादाबाद मंडल की बैठक से दूर रहे. अब लखनऊ मंडल की बैठक में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक भी शामिल नहीं हो रहे हैं. इन बैठकों में विधायकों ने अधिकारियों के कामकाज पर भी सवाल उठाए.

उपचुनावों की तैयारी

माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मोर्चा संभाल लिया है और तैयारी में जुट गए हैं. वे समीक्षा बैठकों में विधायकों के मनोभाव और प्रस्तावों पर शीर्ष नेतृत्व से चर्चा कर सकते हैं.

अफसरशाही पर आरोप

आम चुनाव नतीजों में एनडीए को बड़ा झटका लगा है, जिसके बाद से राज्य में अफसरशाही के हावी होने के आरोप लग रहे हैं. बीजेपी नेताओं और जनप्रतिनिधियों का कहना है कि निचले स्तर पर कार्यकर्ताओं की सुनवाई नहीं हो रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मुद्दे पर विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकें कीं और उनकी समस्याएं सुनीं.

शक्ति प्रदर्शन या नाराजगी कम करने की कोशिश?

मुख्यमंत्री लगातार विधायकों और जनप्रतिनिधियों से मिलकर यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि बेलगाम अफसरशाही से अगर कोई नाराजगी है तो उसे दूर किया जाएगा. विधायकों ने खुलकर अपनी बात रखना शुरू कर दिया है, और ज्यादातर ओबीसी विधायक अब खुलकर अपनी समस्याएं रख रहे हैं.

उत्तर प्रदेश बीजेपी में चल रही उठापटक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की समीक्षा बैठकों ने सियासी माहौल को गर्मा दिया है. भूपेंद्र चौधरी का बयान और मुख्यमंत्री पद पर चल रही अटकलों को खारिज करना यह दर्शाता है कि पार्टी में अनुशासन और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को प्राथमिकता दी जा रही है. अब देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में इन बैठकों और चर्चाओं का क्या नतीजा निकलता है.