UP Election 2022: अखिलेश सरकार की वो 5 बड़ी उपलब्धियां, जिन्हें जनता इस बार भी वोट देते समय रखेगी याद
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Photo Credits: Twitter)

लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Election 2022) के लिए ताल ठोंक रहीं राजनीतिक पार्टियों के बीच आरोपों की लड़ाई भी छिड़ गई है. ये दल अपनी-अपनी नीतियों के प्रचार और विरोधियों पर शब्द बाण छोड़ने के लिए सोशल मीडिया, गीत-संगीत आदि माध्यमों का सहारा ले रहे हैं. इन सब के बीच आज हम आपको समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) की सरकार (2012 से 2017 तक) की उन मुख्य उपलब्धियों के बारे में बताने जा रहे ही, जिसे जनता उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के मतदान के समय तवज्जों दे सकती है. UP Elections 2022: मुफ्त बिजली के लिए अखिलेश शुरु करेंगे पंजीकरण अभियान

2000 में कन्नौज से लोकसभा चुनाव जीतकर अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले अखिलेश यादव ने 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के 20 वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया. उन्होंने 15 मार्च 2012 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में आधिकारिक जिम्मेदारियां निभाईं और 38 साल के इस पद पर रहने वाले सबसे कम उम्र के व्यक्ति बने.

सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव के पुत्र अखिलेश यादव ने यूपी के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पांच वर्षों के कार्यकाल के दौरान राज्य में विभिन्न बुनियादी ढांचे और सामाजिक विकास योजनाओं की शुरुआत की थी. उत्तर प्रदेश के 20वें मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव की उन बड़ी उपलब्धियों को हम आगे बता रहे है.

समाजवादी स्वास्थ्य सेवा (Samajwadi Swasthya Seva)

मुख्यमंत्री के रूप में 6 महीने का कार्यकाल पूरा करने पर अखिलेश यादव ने समाजवादी स्वास्थ्य सेवा का शुभारंभ किया. यह 24/7 आपातकालीन एम्बुलेंस सेवा सभी प्रदेशवासियों के लिए आज भी निःशुल्क है. इस सेवा के लिए टोल-फ्री नंबर 108 जारी किया गया. जिस पर कॉल करने पर 20 मिनट के भीतर एक एम्बुलेंस रोगी तक पहुंचाई जाती है और उसे अस्पताल ले जाने से पहले चिकित्सा सहायता दी जाती है. समाजवादी स्वास्थ्य सेवा के तहत हार्टअटैक, प्रेगनेंसी, जलने, एक्सीडेंट आदि में तत्काल मेडिकल हेल्प पहुँचाया जाता है.

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे (Agra-Lucknow Expressway)

आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे 6 लेन का एक्सप्रेसवे है, जिसे 8 लेन तक बढ़ाया जा सकता है. इस परियोजना को अखिलेश यादव ने मुख्यमंत्री रहते हुए उत्तर प्रदेश की जनता का आगरा-लखनऊ सफर आसान बनाने के लिए शुरू किया था. 302 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेसवे ने आगरा और लखनऊ शहरों को पास ला दिया है. इसका निर्माण जून 2014 में शुरू हुआ था. 21 नवंबर 2016 को मुख्यमंत्री के रूप में अखिलेश यादव इसका उद्घाटन किया था. सपा इस परियोजना को राज्य में विकास के प्रमुख मॉडल के रूप में बताती है.

विद्युत क्षेत्र का विकास

मुख्यमंत्री रहते हुए अखिलेश यादव ने दिसंबर 2016 में 52,437 करोड़ की रुपये की बिजली परियोजनाओं का शुभारंभ किया. इन परियोजनाओं में बिजली उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण तीनों पहलू शामिल थे. इन परियोजनाओं में राज्य में बनाए जाने वाले 33,000 मेगावाट की कुल क्षमता वाले तीन थर्मल पावर प्लांट भी शामिल हैं. इसमें ग्रीनफील्ड परियोजना जवाहरपुर थर्मल पावर प्लांट भी शामिल है. इसके साथ ही यूपी की सबसे बड़ी तापीय परियोजना में से एक सोनभद्र जिले की ओबरा-सी (Obra C) भी इसमें शामिल है.

पुलिस बल का आधुनिकीकरण

अक्टूबर 2013 में उत्तर प्रदेश के तब के मुख्यमंत्री अखिलेश ने राज्य पुलिस बल के आधुनिकीकरण के संबंध में कई घोषणाएं कीं. जिसमें अपराध पैटर्न की बदलती प्रकृति के कारण पुलिस को आधुनिक तकनीकों से लैस करने की आवश्यकता पर बल दिया गया. इसके तहत लखनऊ, गाजियाबाद और इलाहाबाद में अत्याधुनिक पुलिस नियंत्रण कक्ष बनाया गया. राज्य के सभी उप-निरीक्षकों को क्लोज्ड यूजर ग्रुप (सीयूजी) सिम कार्ड दिए गए.

लखनऊ मेट्रो (Lucknow Metro)

तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जून 2013 में लखनऊ मेट्रो के निर्माण को मंजूरी दी थी. जबकि लखनऊ मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (एलएमआरसी) ने सितंबर 2008 में ही उत्तर प्रदेश की पहली मेट्रो को बनाने का प्रस्ताव पेश किया था. लखनऊ मेट्रो का निर्माण 27 सितंबर 2014 को ट्रांसपोर्ट नगर और चारबाग रेलवे स्टेशन के बीच (8.3 किलोमीटर) शुरू हुआ. जबकि 5 सितंबर 2017 को यहां मेट्रों परिचालन भी शुरू हो गया. तब इसे देश में सबसे तेजी से बनने वाली मेट्रो लाइन होने का दावा भी किया गया था. हालांकि 6,928 करोड़ के इस प्रोजेक्ट में भारत सरकार की भी आधा हिस्सेदारी रही.