कानपुर: समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने खुशी दुबे (Khushi Dubey) की मां गायत्री तिवारी (Gayatri Tiwari) को चुनाव लड़ने के लिए टिकट की पेशकश की है. खुशी दुबे बिकरू कांड में मारे गए अमर दुबे की विधवा है और फिलहाल जेल में बंद है. बहुचर्चित बिकरू कांड में मारे गए गैंगस्टर विकास दुबे के करीबी अमर दुबे की सास गायत्री तिवारी से सोमवार को समाजवादी पार्टी के मेजर आशीष चतुर्वेदी ने संपर्क किया और उन्हें कानपुर में गोविंद नगर से टिकट की पेशकश की. UP Election 2022: बीजेपी की बढ़ी ताकत! राहुल गांधी के करीबी व पूर्व केंद्रीय मंत्री RPN सिंह ने थामा कमल
गायत्री तिवारी ने संवाददाताओं से कहा कि अगर इससे उन्हें अपनी बेटी को जेल से बाहर निकालने में मदद मिलती है, तो वह चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. गायत्री तिवारी ने कहा, "मैंने अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए डेढ़ साल तक संघर्ष किया, लेकिन असफल रही. उसकी शादी को केवल तीन दिन हुए थे जब बिकरू नरसंहार हुआ था और पुलिस ने उसे नाबालिग होने के बावजूद गिरफ्तार कर लिया था."
अमर दुबे शादी के सात दिन बाद ही एनकाउंटर में मारा गया था. उन्होंने कहा कि उन्हें अखिलेश यादव के नेतृत्व पर भरोसा है और पार्टी ने उनसे वादा किया था कि खुशी को उनकी सरकार बनने के एक महीने के भीतर रिहा कर दिया जाएगा.
खुशी दुबे का कारावास सत्तारूढ़ भाजपा सरकार के खिलाफ ब्राह्मणों के गुस्से का एक प्रमुख कारक रहा है क्योंकि समुदाय को लगता है कि लड़की, जो घटना के समय नाबालिग थी, को गलत तरीके से फंसाया गया है. गायत्री तिवारी को समाजवादी पार्टी की पेशकश ब्राह्मणों की सहानुभूति हासिल करने की दिशा में एक कदम है. पार्टी पहले ही लखनऊ के पास भगवान परशुराम की मूर्ति स्थापित कर चुकी है और बड़े पैमाने पर ब्राह्मणों को लुभा रही है.