ऐसे समय में जब सोनिया गांधी और राहुल गांधी अच्छे स्वास्थ्य के लिए गोवा में डेरा डाले हुए हैं, तेलंगाना के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सर्व सत्यनारायण ने शनिवार को पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हाथ थामने की घोषणा की है. सत्यनारायण ने कहा, "मैं भाजपा में शामिल हो रहा हूं क्योंकि देश को नरेन्द्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व की जरूरत है." साथ ही उन्होंने तेलंगाना के भाजपा नेताओं के कामों की भी सराहना की. 66 वर्षीय नेता ने कहा, "जैसी भी स्थितियां हों, गरीब लोगों की मदद की जानी चाहिए. मोदी ने दुनिया में भारत को बेहतर बनाने का संकल्प लिया है." सत्यनारायण ने कहा कि वे 'ऑपरेशन ऑकर्ष' (अलग-अलग दलों के नेताओं को अवैध तरीके से पार्टी में लाना) का हिस्सा नहीं हैं और भाजपा में शामिल होने की बातचीत पिछले छह महीनों से चल रही थीं.
उन्होंने कहा, "दिल्ली के भाजपा प्रतिनिधियों को मुझसे मिलने के लिए भेजा गया था. मुझे भी बातचीत के लिए दिल्ली बुलाया गया था. मेरा दक्षिण भारत के दलित नेता के तौर पर भाजपा में शामिल होना अच्छा होगा." सत्यनारायण ने कहा कि उन्होंने बीजेपी से किसी भी तरह का आश्वासन देने को नहीं कहा है. आगे कहा, "मुझे हमेशा अपने काम और नेतृत्व के आधार पर पद मिले. मैंने कभी किसी पार्टी से यह नहीं कहा कि वह मुझे कोई पद दिलाए." वहीं कांग्रेस पार्टी की स्थिति पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया.
यह भी पढ़े- देश की खबरें | तेलंगाना में कोरोना वायरस संक्रमण के 925 नये मामले सामने आये, तीन की मौत
सत्यनारायण के अनुसार, अगर राज्य में भाजपा के लिए कोई प्रतिद्वंद्वी है, तो वह तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) है. उन्होंने कहा, "हम टीआरएस सरकार के साथ प्रतियोगिता करेंगे. लोग टीआरएस से थक गए हैं, वे अच्छा काम नहीं कर रहे. सबको उम्मीद थी कि 'बंगारू (सुनहरा) तेलंगाना' का सपना नए राज्य के गठन के बाद सच होगा लेकिन सत्ता एक परिवार में चली गई."
बता दें कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) - 2 सत्यनारायण सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री थे. एक समय था जब उन्होंने अपने से 16 साल छोटे राहुल गांधी के पैर भी छुए थे. पिछले कुछ दिनों में तेलंगाना में कई कांग्रेस नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है, जहां उसका एक शक्तिशाली और बड़ा आधार था.