राजीव गांधी की 75वीं वर्षगांठ पर विशेष: देश में तकनीकी क्रांति लानेवाले सबसे युवा प्रधानमंत्री!
राजीव गांधी (Photo Credits-Getty Images)

साल 1984 में देश की पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी की सुनियोजित हत्या के बाद श्रीमती गांधी के ही पुत्र राजीव गांधी देश के प्रधान मंत्री चुने गये थे. भारत में सबसे कम उम्र में प्रधानमंत्री चुने गये राजीव गांधी का राजनैतिक करियर बहुत लंबा नहीं चल सका. लेकिन प्रधानमंत्री बनने के पश्चात अपने छोटे से कार्यकाल में उन्होंने क्रांतिकारी परिवर्तन लाने की जो पहल की, उसका वृहद स्वरूप आज नजर आ रहा है. 21 मई 1991 में एक आम चुनाव के दौरान श्रीपेरम्बदूर में एक मानव बम द्वारा उनकी हत्या कर दी गयी. आज देश पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है.

पं. नेहरू ने किया ‘राजीव’ का नामकरण.

देश को मिली आजादी से 3 वर्ष पूर्व 20 अगस्त 1944 को राजीव गांधी का जन्म बाम्बे प्रेसीडेंसी (मुंबई) में हुआ था. माना जाता है कि राजीव गांधी का नामकरण उनके नाना पंडित जवाहर लाल नेहरु ने अपनी पत्नी कमला नेहरु की स्मृति स्वरूप रखा था. (राजीव का शाब्दिक अर्थ भी कमल होता है.) पंडित जवाहरलाल नेहरू अपने नाती राजीव गांधी से बहुत स्नेह रखते थे. राजीव की शिक्षा पहले देहरादून के वेल्हम स्कूल फिर हिमाचल प्रदेश के दून स्कूल में पूरी हुई थी. यहीं पर अमिताभ बच्चन के साथ उनकी दोस्ती के रिश्ते प्रगाढ़ हुए थे. इसके पश्चात राजीव कैम्ब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज गए. किसी वजह से वहां से उन्हें हटाकर ले लन्दन के इम्पीरियल कॉलेज में एडमिट कराया गया. वहीं से उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई शुरू की, मगर यहां भी वे ज्यादा समय तक नहीं टिक सके. उऩ्हें हवाई जहाज उड़ाने का बेहद शौक था. उन्होंने दिल्ली स्थित फ्लाइंग क्लब से पायटल की ट्रेनिंग पूरी की और 1970 में वे बतौर पायलट इंडियन एयरलाइन से जुड़ गये. वे दिल्ली-जयपुर-आगरा रूट पर विमान उड़ाते थे. यह भी पढ़े-दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 75वीं जयंती के मौके पर देश भर में कार्यक्रम आयोजित करेगी कांग्रेस

जब दिल दे बैठे एंटोनियो उर्फ सोनिया को.

साल 1965 में राजीव गांधी ब्रिटेन के कैम्ब्रिज युनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे. यहीं से इटली के एक सैनिक की खूबसूरत बेटी एंटोनियो माइनो अंग्रेजी की पढ़ाई कर रही थीं. एंटोनियो माइनो और राजीव की पहली मुलाकात एक सेंट ग्रीक रेस्टोरेंट में हुई, जहां राजीव नियमित लंच करते थे. यहीं पर राजीव लंच कर रहे थे, और एंटोनियो माइनो इटालियन फूड का जायका लेने आई थीं. इसी दौरान एक मित्र ने राजीव का परिचय सोनिया से करवाया. उस समय सोनिया के साथ उनकी पाकिस्तानी मित्र ताहिर जहांगीर भी उपस्थित थीं. सोनिया-ए-बायोग्राफी के अनुसार राजीव इस पहली मुलाकात में ही एंटोनियो माइनो को दिल दे बैठे थे. अपने प्यार की स्वीकृति राजीव गांधी ने रेस्टोरेंट के नैपकिन पर पोयम के रूप में उकेर कर रेस्टोरेंट के मालिक चार्ल्स जो राजीव के दोस्त भी थे को देते हुए कहा कि इस पत्र को एक वाइन की बोतल के साथ एंटोनियो माइनो तक पहुंचा दे. कहा जाता है कि एंटोनियो को राजीव का यह अंदाज पसंद आया, हालांकि तब उऩ्हें नहीं पता था राजीव गांधी इंदिरा गांधी के पुत्र हैं. लेकिन प्यार परवान चढ़ा और राजीव के कहने पर एंटोनियो माइनो ने अपना नाम बदलकर सोनिया रखा. इसके बाद 1968 में इंदिरा गांधी की उपस्थिति में राजीव-सोनिया का विवाह पहले भारतीय पद्धति फिर कोर्ट मैरिज की औपचारिकता के साथ सम्पन्न हुई.

कैसे आये राजनीति में.

प्रधानमंत्री का बेटा होने के बावजूद राजीव गांधी की राजनीति में कभी भी दिलचस्पी नहीं रही. बल्कि कहा तो यहां तक जा रहा है कि राजीव गांधी ने इंदिरा गांधी से स्पष्ट कह दिया था कि वे किसी भी कीमत पर राजनीति में नहीं आयेंगे. लेकिन 23 जून 1980 में संजय गांधी की एक विमान दुर्घटना में मृत्यु के पश्चात इंदिरा गांधी के बहुत प्रेशर देने के बाद भारतीय राजनीति में शामिल होना पड़ा. 1981 में राजीव गांधी भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष मनोनीत हुए.

सबसे युवा प्रधानमंत्री के रूप में शपथ.

31 अगस्त 1984 में श्रीमती इंदिरा गांधी की नृशंस हत्या के पश्चात राजीव गांधी ने अमेठी से लोकसभा का चुनाव लड़ा और भारी बहुमत से विजयी हुए. इस चुनाव में कांग्रेस को 533 के मुकाबले 404 सीटें मिलीं. राजीव गांधी ने देश के पहले सबसे युवा प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली. राजीव गांधी के बारे में कहा जाता है कि जनता उनकी ईमानदारी को लेकर संतुष्ट थी. उन्हें विश्वास था कि राजीव देश को आगे लेकर जायेंगे.

छोटे सफर की बड़ी उपलब्धियां.

इसमें कोई संदेह नहीं कि प्रधानमंत्री बनने के पश्चात राजीव गांधी ने देश के विकास के लिए काफी कार्य किया. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में नवोदय स्कूलों की स्थापना करवाई. तकनीकी क्षेत्र में संचार व्यवस्था एवं कम्प्यूटर क्षेत्र जैसे विज्ञान को भारत में काफी प्रोत्साहन दिलाया. पहली बार साइंस और टेक्नोलॉजी क्षेत्र के लिए सरकारी बजट बढ़ाया. दिल्ली, बंबई (मुंबई), कलकत्ता (कोलकाता) एवं मद्रास (चेन्नई) में एमटीएनएल के अलावा बीएसएनएल एवं पीसीओ का गठन किया. मतदान के लिए 18 वर्ष की आयु तय करना, पंचायती राज को शामिल करना, श्रीलंका में शांति सेना भेजना जैसे कार्य उनके निर्देशन में ही किये गये.

युवा प्रधानमंत्री का दुःखद निधन

काफी कम समय में राजीव गांधी ने देश के विकास के लिए काफी कुछ किया. लेकिन इसके पहले की उनके सपनों का भारत नई करवट लेता 21 मई 1991 को आम चुनाव के प्रचार के दौरान एलटीटीई की आत्मघाती हमलावर धनु ने उनकी नृशंस हत्या कर दी.