प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में उतरने के निर्णय के बाद से बीजेपी के नेता लगातार उन पर विवादास्पद टिप्पणियां दे रहे हैं. इसी कड़ी में राज्यसभा सांसद और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी (Subramanian Swamy) ने प्रियंका गांधी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया है. स्वामी ने न्यूज एजेंसी ANI से बातचीत में कहा, 'प्रियंका को एक बीमारी है, जो सार्वजनिक जीवन में अनुकूल और उपयुक्त नहीं है. उसको बाईपोलैरिटी (Bipolarity) कहते हैं, यानी उसका हिंसावादी चरित्र दिखाई पड़ता है. लोगों को पीटती है.' वरिष्ठ बीजेपी नेता ने इसके साथ ही कहा कि पब्लिक को पता होना चाहिए कि प्रियंका गांधी कब संतुलन खो बैठेंगी, किसी को पता नहीं है.
इससे पहले बीजेपी के ही नेता कैलाश विजयवर्गीय ने प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) को लेकर विवादित बयान दिया था. शनिवार को उन्होंने कहा था कि 'उनके (कांग्रेस) पास नेता नहीं हैं, इसलिए वो चॉकलेटी चेहरे के माध्यम से चुनाव में जाना चाहते हैं. यह उनके अंदर आत्मविश्वास की कमी को दिखाता है.' हालांकि विवाद बढ़ने पर उन्होंने सफाई भी दी. उन्होंने कहा कि मैं मीडिया को बताना चाहता हूं कि अगर ऐसा कोई बयान आता है तो उन्हें इसे जांचना चाहिए. मैंने बॉलीवुड अभिनेताओं के लिए 'चॉकलेटी' शब्द का इस्तेमाल किया, किसी भी राजनीतिक नेता के लिए इसका इस्तेमाल नहीं किया. यह भी पढ़ें- बीजेपी नेता ने प्रियंका गांधी की तुलना करीना और सलमान से की, कहा- कांग्रेस चॉकलेटी चेहरों के बूते चुनाव लड़ना चाहती है
S Swamy on #PriyankaGandhiVadra : Usko 1 bimari hai jo sarvjanik jivan mein anukool aur upyukt nahi hai, usko bipolarity kehte hain yaani uski hinsawadi charitra dikhai padti hai, logon ko peet'ti hai. Public ko pata hona chaiye ki kab santulan kho baithegi, kisi ko pata nahi. pic.twitter.com/psVoVcbnvx
— ANI (@ANI) January 27, 2019
वहीं बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के मंत्री विनोद नारायण झा ने प्रियंका गांधी को लेकर विवादित बयान देते हुए कहा कि 'कांग्रेस की नवनियुक्त महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा 'बेहद खूबसूरत' हैं और इसके अलावा उनमें कोई और गुण नहीं है. उनकी पार्टी को यह याद रखना चाहिए कि सुंदरता से वोट नहीं मिलते.' बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी बहन प्रियंका गांधी को लोकसभा चुनावों के मद्देनजर पूर्वी यूपी का प्रभार सौंपा है. प्रियंका गांधी के सक्रिय राजनीति में आने के ऐलान के बाद से ही इसे लेकर सियासी बयानबाजी का दौर जारी है.