राहुल गांधी की ‘ब्रेकफास्ट पॉलिटिक्स’ में लगा नेताओं का जमवाड़ा, BSP और AAP ने बनाई दूरी- जानें इस बैठक की अहमियत
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने विपक्ष की बैठक बुलाई (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली: संसद में सरकार और विपक्ष के बीच चला आ रहा गतिरोध खत्म होता दिखाई नहीं दे रहा है. पेगासस जासूसी विवाद, महंगाई और किसानों के मुद्दे को लेकर बीते कई दिनों से राज्ससभा और लोकसभा में विपक्षी दलों का विरोध जारी है. हंगामे के चलते हर दिन सदन को स्थगित करना पड़ रहा है. मानसून सत्र के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने विभिन्न मुद्दों पर मोदी सरकार को घेरने के लिए मंगलवार की सुबह 14 विपक्षी दलों के नेताओं को नाश्ते पर बुलाया. इस दौरान विपक्ष ने संयुक्त रणनीति पर चर्चा की. हालांकि इस बैठक में आम आदमी पार्टी (AAP) और बहुजन समाज पार्टी (BSP) के नेता शामिल नहीं हुए. तृणमूल कांग्रेस ने बाबुल सुप्रियो के फैसले से पलटने को नाटक करार दिया, भाजपा ने चुप्पी साधी

कॉन्स्टीट्यूशनल क्लब में हुए ब्रेकफास्ट मीटिंग में कांग्रेस (Congress), राकांपा (NCP), शिवसेना (Shiv Sena), राजद (RJD), सपा (SP), माकपा (CPI-M), भाकपा (CPI), आईयूएमएल (IUML), रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), केरल कांग्रेस (एम) (Kerala Congress-M), झारखंड मुक्ति मोर्चा (Jharkhand Mukti Morcha), नेशनल कॉन्फ्रेंस (National Conference), टीएमसी (TMC) और लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) के नेता शामिल हुए.

विपक्ष के नेताओं के साथ बैठक में राहुल गांधी ने कहा “इस दौरान राहुल हमें इस ​आवाज (लोगों की आवाज) को एकजुट करना होगा, ये आवाज जितनी एकजुट होगी उतनी ही मजबूत होगी. और बीजेपी (BJP) और आरएसएस (RSS) के लिए इस आवाज को दबाना उतना ही मुश्किल होगा.”

बाद में पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती कीमतों को लेकर अपना विरोध जताने के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के अन्य नेता कॉन्स्टिट्यूशन क्लब से साइकिल पर संसद रवाना हुए.

माना जा रहा है कि 2024 में पीएम मोदी के खिलाफ प्रमुख चेहरे पर चर्चा के लिए सभी विपक्षी दलों ने एक साथ बैठक की और यह तय करने की कोशिश कि की पीएम मोदी के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व कौन करेगा. अधिकतर बड़े विपक्षी दल मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होने का मन बना चुके है.

सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध मंगलवार को भी जारी रहा. गतिरोध की वजह पेगासस प्रोजेक्ट स्नूपिंग विवाद है जिस पर विपक्ष चर्चा की मांग कर रहा है, लेकिन सरकार का कहना है कि आईटी मंत्री के बयान के बाद ही स्पष्टीकरण मांगा जा सकता है. संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इसे 'गैर मुद्दा' करार दिया है. आरोप-प्रत्यारोप के बीच सूत्रों ने कहा है कि संसद के दोनों सदन पिछले सप्ताह तक निर्धारित 105 घंटे की बैठक में केवल 18 घंटे ही चल सके.