New Delhi Liquor Policy: दिल्ली सरकार (Delhi Government) की शराब नीति पर भ्रष्टाचार की जांच करने की दिल्ली के उपराज्यपाल (Delhi Lieutenant Governor) की सिफारिश का प्रदेश कांग्रेस ने स्वागत किया है. प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने कहा, कांग्रेस पहले दिन से ही शराब नीति का विरोध कर रहे हैं, जिसके लिए कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने सरकार की शराब नीति में हुए भ्रष्टाचार की जांच कराने के लिए दिल्ली पुलिस आयुक्त को लिखित शिकायत भी की. Delhi: सुष्मिता सेन को ललित मोदी मिल गया, लेकिन मोदी सरकार को नहीं, AAP सांसद संजय सिंह ने कसा तंज
कांग्रेस के मुताबिक, दिल्ली सरकार द्वारा नई आबकारी नीति 2021-22 की शर्तो का उल्लंघन करके ओएसिस ग्रुप की चुनिंदा कम्पनियों को अवैध रुप से शराब लाईसेंस वितरण करने में हजारों करोड़ रुपये का घोटाला किया गया. शराब नीति पर दिल्ली के मुख्य सचिव की रिपोर्ट को आधार बनाकर ही उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार की शराब नीति के खिलाफ सीबीआई जांच की सिफारिश की है.
अनिल चौधरी ने कहा, रिपोर्ट में शराब के ठेकों के लाईसेंस धारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का काम किया गया है और नियमों और आवंटन प्रक्रिया का उलंघन करके ठेके आवंटित किए गए हैं. 32 जोन में विभाजित राजधानी में 849 ठेके खोलने की बोली निजी संस्थाओं और रिटेल लाईसेंस दिए गए और दिल्ली सरकार ने नियमों को ताक पर रखकर शराब माफिया के साथ मिलकर काम किया. यही नही ब्लैक लिस्टेड कम्पनियों तक को टैंडर दिए गए.
दिल्ली की आबकारी नीति को लेकर उपराज्यपाल की तरफ से सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है. जिसके बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मनीष सिसोदिया को फंसाने की कोशिश की जा रही है. लेकिन अब बीजेपी भी केजरीवाल सरकार पर हमलावर हो चुकी है.
बीजेपीने कहा कि, केजरीवाल जी ये बताएं कि 25 अक्टूबर 2021 को एक्साइज विभाग ने नोटिस दिया था उन कंपनियों को, जिनको शराब के लाइसेंस दिए गए थे. इस मामले में क्या कार्रवाई हुई? 14 जुलाई 2022 को बिना कैबिनेट नोट के जल्दबाजी में 144.36 करोड़ रुपये की छूट उन्हीं कंपनियों को बिना कानून का पालन किए दी गई? भाजपा ने कहा कि दिल्ली में गैरकानूनी तरीके से Liquor Policy को अपनाया गया. दिल्ली की जनता के साथ धोखाधड़ी हुई है.