नई दिल्ली: लोकसभा में मॉनसून सत्र के दौरान आज सोमवार को आपराधिक कानून (संशोधन) विधेयक 2018 चर्चा हुई. चर्चा के बाद इस विधेयक को लोकसभा में पारित कर दिया गया. इस विधेयक में 12 वर्ष से कम आयु की लड़कियों के साथ बलात्कार के दोषियों को कड़ी सजा, यहां तक कि मृत्युदंड तक का प्रावधान है. संशोधित विधेयक के संसद में पारित होने के बाद यह 21 अप्रैल को जारी किए गए आपराधिक कानून (संशोधन) अध्यादेश की जगह लेगा. देश के कई इलाकों में बच्चियों के साथ बलात्कार और फिर उनकी हत्या की घटनाओं के बाद यह अध्यादेश लागू किया गया था.
BJD सांसद भृतहरि महताब ने कहा कि कानून को लैंगिक रूप से सबके लिए समान होना चाहिए और लड़का-लड़की में फर्क नहीं किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि बच्चों के मामले में तो शिकायतें आ ही नहीं पाती है. महताब ने कहा कि इसे लैंगिग रूप से समान होना चाहिए और इसी वजह में मैं संशोधन करना चाहता हूं.
इस विधेयक पर सोमवार को चर्चा हुई. चर्चा के दौरान ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि किसी भी कानून से बच्चियों के साथ होने वाले बलात्कार या अन्य तरह की हिंसा को रोका नहीं जा सकता है, इसके लिए लोगों की मानसिकता में बदलाव लाना होगा.
Law cannot stop the rape of children, change of men's mentality can: Asaduddin Owaisi in Lok Sabha during discussion on The Criminal Law (Amendment) Bill 2018. #MonsoonSession pic.twitter.com/GeuyFUur3B
— ANI (@ANI) July 30, 2018
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने चर्चा के बाद में लोकसभा में जवाब देते हुए कहा कि सरकार की प्राथमिकता महिला सुरक्षा की है और यही इस अध्यादेश लाने के पीछे वजह रही. उन्होंने कहा कि जब सदन नहीं चल रहा था तो अध्यादेश के जरिए महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की गई.
New provision proposes that court where rape cases are trialed should be presided by a woman judge. Statement in rape cases should be recorded by a woman police officer: Kiren Rijiju in Lok Sabha during discussion on The Criminal Law (Amendment) Bill 2018. #MonsoonSession pic.twitter.com/GmLSMvG1k9
— ANI (@ANI) July 30, 2018
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजीजू ने इस बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि इस नए विधेयक में प्रावधान किया गया है कि बलात्कार के मामलों की सुनवाई महिला जज द्वारा की जाएगी और इस तरह के मामलों में पीड़िता का बयान भी महिला पुलिस अधिकारी द्वारा दर्ज किए जाएंगे.
BJP सांसद मीनाक्षी लेखी ने लोकसभा में कहा कि बिल में कई संशोधन किए गए हैं. उन्होंने कहा हम और हमारा समाज उन सभी बलिकाओं के अपराधी हैं जो अपने मन में निराशा का भाव लिए बैठी हैं. लेखी ने कहा कि यह बिल महिलाओं को काफी ताकत देने वाला है. लेखी ने कहा कि हमारी सरकार महिलाओं के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है और किसी भी महिला के साथ अत्याचार नहीं होने देगी.