कोरोना संकट (Coronavirus) के बीच प्रवासी मजदूरों (Migrant Workers) को उनके गृह राज्य पहुंचाने का कार्य जारी है. देशभर से मजदूर अपने गृह राज्यों को लौट रहे हैं. राज्य सरकारें इसके लिए लगातार काम कर रही हैं. हालांकि बावजूद इसके हजारो मजदूर अभी भी फंसे हुए हैं. मजदूर कई मील की पैदल दूरी तय कर रहे हैं. इस बीच मंगलवार को दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने बताया कि अब तक दिल्ली (Delhi) से लगभग 65,000 प्रवासियों को ट्रेनों द्वारा उनके गृह राज्यों में भेजा गया है. उन्होंने कहा, हम दिल्ली में फंसे नागरिकों को वापस भेजने के लिए विभिन्न राज्यों से अनुमति मांग रहे हैं.
मनीष सिसोदिया ने कहा कि हम दिल्ली में फंसे प्रवासियों को उनके घर पहुंचाने के लिए लगातार अन्य राज्यों से संपर्क साध रहे हैं, ताकि जितनी जल्दी हो सके उनको उनके गृह राज्य पहुंचाया जाए. सिसोदिया ने कहा, भारत सरकार ने अपनी गाइडलाइन में एक कॉम्प्लिकेटेड प्वाइंड डाला है, जिसके अनुसार, जिस राज्य में लोगों को जाना है, पहले वहां की सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य है. यह भी पढ़ें- Lockdown 4.0: राजधानी दिल्ली में तय दिशा निर्देशों के साथ टैक्सी और ऑटो सर्विस शुरू, मिली ये रियायतें.
65 हजार प्रवासी मजदूर दिल्ली से गए घर-
Till now, around 65,000 migrants from Delhi have been sent to their home states by trains. We are seeking permission from different states to send back their citizens stranded in Delhi: Delhi Deputy CM Manish Sisodia pic.twitter.com/PG0yhUapHx
— ANI (@ANI) May 19, 2020
दिल्ली सरकार द्वारा जारी लॉकडाउन 4.0 के नई गाइडलाइन पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया का कहना है कि दिल्ली में रियायत इस उम्मीद के साथ दी गई है कि लोग खुद अनुशासन और सतर्कता के साथ दुकान या अपने काम पर जाएंगे. उन्होंने कहा, लॉकडाउन खोलना भी बहुत जरूरी था क्योंकि लोग परेशान हो रहे थे, लोगों के सामने कई समस्याएं हैं. कई लोग पूछ रहे थे कि हम घर कैसे चलाएं. सिसोदिया ने कहा, अब लोग सतर्क होंगे तो कोरोना के साथ जीने की आदत पड़ेगी.
कोरोना संकट के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने लॉकडाउन 4.0 को लेकर सोमवार शाम को नए दिशा-निर्देश जारी किए. सीएम केजरीवाल ने दिल्ली में शर्तों के साथ बस, टैक्सी, कैब, ऑटो, ई रिक्शा, प्राइवेट और सरकारी दफ्तरों को खोलने की इजाजत दे दी है.