मुंबई: महाराष्ट्र में मंगलवार को चले सियासी घमासान के बीच राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. इसके बाद भी शिवसेना राज्य में सरकार बनाने को लेकर उम्मीद नहीं छोड़ी है. अभी भी वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में जुटी हुई है. मीडिया के हवाले से खबर है कि यदि एनसीपी-कांग्रेस शिवसेना को सरकार बनाने के लिए समर्थन देती है तो वह शिवसेना के सामने 50-50 का फार्मूला के तहत कुछ शर्तें रखी हैं. जिसमें उसे को ढाई- ढाई साल के लिए सीएम (Chief Minister Post) का पद, वहीं कांग्रेस को उप मुख्यमंत्री (Deputy Chief Minister) का पद चाहिए.
सरकार बनाने को लेकर शिवसेना के बारे में ऐसा इसलिए कह सकते हैं कि मंगलवार को जहां एनसीपी प्रमुख शरद पवार से उद्धव ठाकरे ने मुलाकात की, वहीं देर रात कांग्रेस वरिष्ठ नेता अहमद पटेल से उद्धव ठाकरे से मुलाकात हुई. हालांकि यह नहीं कहा जा सकता है कि शिवसेना को समर्थन देने को लेकर उनके बीच क्या बातें हुई. लेकिन मीडिया के हवाले से कांग्रेस के बारे में कहा जा रहा है. एनसीपी के साथ कांग्रेस भी शिवसेना को अपना समर्थन देती है तो उसे उपमुख्यमंत्री के साथ कुछ अहम मंत्रालय चाहिए. यह भी पढ़े: महाराष्ट्र: शिवसेना को समर्थन पर शरद पवार ने कहा- हमें कोई जल्दबाजी नहीं, कांग्रेस के साथ चर्चा के बाद फैसला लेंगे
फिलहाल अभी यह कह पाना मुश्किल है कि शिवसेना अपने इस मकसद में कितना कामयाब हो पाती है. ऐसे इसलिए कि मंगलवार को कांग्रेस- नसीपी के बीच आयोजित एक संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में शरद पवार ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू हो गया है ऐसे में सरकार बनाने को लेकर जल्दबादी नहीं है. क्योंकि राज्यपाल ने सरकार बनाने के लिए उन्हें पर्याप्त समय दिया हैं.
बता दें कि महाराष्ट्र विधानसभा के 288 सीटों में शिवसेना को 56 सीटें तो वहीं एनसीपी के पास 54 तो कांग्रेस के पास 44 सीटों पर जीत मिली हैं. यदि ये सभी आकड़ें को मिला दिया जाए तो 154 आकड़ा हो जाता है. जो सरकार बनाने के लिए 145 सीटें से काफी ज्यादा है.