मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में सियासी घमासान के बीच मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. इसके बाद सरकार गठन के लिए नए सिरे से तमाम दलों ने कोशिशे शुरू की. इस बीच सत्ता में साझेदारी को लेकर बीजेपी (BJP) से टूटी शिवसेना (Shiv Sena) ने एनसीपी (NCP) और कांगेस (Congress) से गठबंधन कर सरकार बनाने का फार्मूला तैयार किया. जबकि विधानसभा में सबसे अधिक सीटें जितने वाली बीजेपी ने बिना उसके सूबे में किसी की सरकार नहीं बनने का दावा दोहराया है.
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील (Chandrakant Patil) ने शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा ‘हमारे पास सबसे ज्यादा नंबर हैं. 119 विधायकों के साथ हम राज्य में बीजेपी सरकार बनाएंगे. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने भी पार्टी के नेताओं के समक्ष यह भरोसा जताया है. हम राज्य को एक स्थिर सरकार देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. बीजेपी के बिना महाराष्ट्र में कोई सरकार नहीं बन सकती है. शिवसेना का आरोप: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की पटकथा पहले ही तैयार थी
उधर, एनसीपी ने साफ़ कहा दिया है कि महाराष्ट्र में तीनों दलों के गठबंधन से बनी सरकार में मुख्यमंत्री का पद शिवसेना को दिया जाएगा. हालांकि शिवसेना का एजेंडा अलग होने के कारण वह एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) तैयार करने में जुटी है. राज्य में सरकार बनने के बाद सीएमपी तीनों दलों के फैसलों व कदमों को निर्देशित करेगी.
Maharashtra BJP pres, Chandrakant Patil: We have the highest number. With 119 MLAs we'll form BJP govt in state, Devendra Fadnavis has expressed this confidence before party leaders. We're committed to give a stable govt to state. There can't be a govt in Maharashtra without BJP. pic.twitter.com/h7fO3qJimo
— ANI (@ANI) November 15, 2019
महाराष्ट्र में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत ने शुक्रवार को बताया कि उनकी पार्टी राज्य में अगली सरकार का नेतृत्व करेगी और इसके गठन से पहले कांग्रेस और एनसीपी के बीच जिस न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सीएमपी राज्य के हित में होगा.
पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में शिवसेना ने ‘महायुति’ (गठबंधन) के तहत बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. जिसमें से 288 सदस्यीय विधानसभा में दोनों दलों को 161 सीटें मिलीं थी. दोनों दल मिलकर सरकार बना सकते थे, लेकिन उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना द्वारा ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद के समझौते को लेकर चली रस्साकशी में दोनों दलों का चुनाव पूर्व गठबंधन टूट गया.
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. वहीं 56 सीटों के साथ शिवसेना दूसरे स्थान पर रही. जबकि एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें पर संतोष करना पड़ा. बता दें कि राज्य में बहुमत की सरकार बनाने के लिए कम से कम 145 विधायकों का समर्थन होना आवश्यक है.