महाराष्ट्र (Maharashtra) विधानसभा चुनाव के परिणाम 24 अक्टूबर को घोषित किए गए थे लेकिन एक सप्ताह बीत जाने के बाद भी राज्य में सरकार गठन की दिशा में अब तक कोई प्रगति नहीं हुई है. दरअसल, शिवसेना (Shiv Sena) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सत्ता में भागीदारी को लेकर तकरार चल रही है. इस बीच, गुरुवार को महाराष्ट्र की राजनीति में नया मोड़ तब सामने आया जब शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत (Sanjay Raut) ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात की. शिवसेना के सूत्रों ने बताया कि संजय राउत ने शरद पवार के दक्षिणी मुंबई स्थित आवास पर उनसे मुलाकात की.
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, शरद पवार से मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा कि मैं दिवाली (Diwali) के मौके पर उन्हें शुभकामना देने आया था. हमने महाराष्ट्र की राजनीति (Politics) पर भी चर्चा की है. बहरहाल, संजय राउत और शरद पवार के मुलाकात के बाद महाराष्ट्र में गैर बीजेपी सरकार के गठन संबंधी विकल्प को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं. यह भी पढ़ें- शिवसेना नेता संजय राउत ने NCP प्रमुख शरद पवार से की मुलाकात, कहा- महाराष्ट्र की राजनीति पर हुई चर्चा.
बता दें कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत 145 है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी 105 सीट जीतकर सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है. शिवसेना को 56 सीटें मिली हैं. वहीं, एनसीपी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. महाराष्ट्र में अगर एनसीपी और शिवसेना साथ आ भी जाती हैं, तब भी कुल 110 विधायक ही होंगे. ऐसे में उसे कांग्रेस के सहयोग की आवश्यकता पड़ सकती है.
Sanjay Raut, Shiv Sena: Met Nationalist Congress Party (NCP) chief Sharad Pawar at his residence today. I had come to wish him on the occasion of Diwali. We also discussed the politics in Maharashtra. (file pic) pic.twitter.com/AUuxC5WIRu
— ANI (@ANI) October 31, 2019
उधर, बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रहे सियासी घमासान के बीच कांग्रेस खुद के लिए एक मौका भांप रही है, लेकिन कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन शिवसेना से समर्थन के मुद्दे पर अभी अपने पत्ते नहीं खोल रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण व पृथ्वीराज चव्हाण ने भी गुरुवार को एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार से मुलाकात की. महाराष्ट्र कांग्रेस इकाई के प्रमुख बालासाहब थोराट ने भी शरद पवार से मुलाकात की.
कांग्रेस-एनसीपी फिलहाल राजनीतिक स्थिति को भांप रही हैं. कांग्रेस का मानना है कि जब तक बीजेपी-शिवसेना की लड़ाई जारी रहती है, उसे अपनी रणनीति उजागर नहीं करनी चाहिए. कांग्रेस हालांकि कोई भी बड़ा निर्णय लेने के लिए एनसीपी पर अधिक निर्भर है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि एनसीपी हमारी गठबंधन की सहयोगी है और पवार के साथ विचार-विमर्श के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा. यह भी पढ़ें- महाराष्ट्र: राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मिला शिवसेना नेताओं का प्रतिनिधिमंडल, सरकार गठन पर आदित्य ठाकरे ने दिया ये जवाब.
कांग्रेस नेताओं को शिवसेना की ओर से गठबंधन तोड़े जाने की उम्मीद है. पार्टी प्रवक्ता मीम अफजल ने कहा कि बीजेपी के लिए शिवसेना सख्त साबित हो रही है लेकिन बीजेपी उसकी रोटेशनल मुख्यमंत्री पद की मांग को स्वीकार नहीं करेगी. महाराष्ट्र में कांग्रेस 2014 से सत्ता से बाहर है. पार्टी के एक धड़े का विचार है कि पार्टी को शिवसेना को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा करनी चाहिए.
लेकिन, पार्टी जल्दबाजी में नहीं है और बीजेपी-शिवसेना के बीच फैसले का इंतजार कर रही है. एक नेता ने कहा कि कांग्रेस, एनसीपी की रणनीति से भी सावधान है. एनसीपी ने साल 2014 में बीजेपी सरकार को तब तक बाहर से समर्थन दे दिया था, जब तक कि शिवसेना गठबंधन में शामिल नहीं हुई थी.
एजेंसी इनपुट