मुंबई: महाराष्ट्र (Maharashtra) में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) का पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ अभियान जारी है. इसी कड़ी में मनसे ने औरंगाबाद (Aurangabad) में पोस्टर लगाए जिनमें लिखा था कि अवैध पाकिस्तानी (Pakistani) और बांग्लादेशी (Bangladeshi) घुसपैठियों के बारे में सही जानकारी देने वाले को 5,000 रुपये का इनाम दिया जाएगा. इससे पहले मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक रैली निकालकर घुसपैठियों को बाहर निकालने की मांग की थी. मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने कहा था कि गैर-कानूनी रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे प्रवासियों को उठाकर बाहर फेंक दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश पर अनावश्यक बोझ हैं. ये प्रवासी आते हैं और देशभर में फैल जाते हैं. राज्यों को उनका बोझ सहना पड़ता है. वे स्थानीय युवाओं की नौकरियां छीन लेते हैं.
एमएनएस की तरफ से इससे पहले भी अवैध घुसपैठियों के खिलाफ पोस्टर लगाए गए हैं. इससे पहले मनसे ने नवी मुंबई के पनवेल में कई जगहों पर बांग्लादेशी घुसपैठियों को चेतावनी देने वाले पोस्टर लगाए गए थे. इन पोस्टरों में लिखा गया था कि बांग्लादेशी देश छोड़कर चले जाएं नहीं तो मनसे स्टाइल में उन्हें देश से बाहर निकाला जाएगा.
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यहां देखें पोस्टर्स की तस्वीर-
Maharashtra: Poster of Maharashtra Navnirman Sena (MNS) stating to reward with Rs 5,000 the informers who give accurate information about illegal Pakistani and Bangladeshi infiltrators, put up in Aurangabad. (27.02) pic.twitter.com/8WoGXfMq0E
— ANI (@ANI) February 28, 2020
गौरतलब है कि मनसे ने कुछ समय पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ धावा बोल दिया है. पार्टी अपने झंडा बदल चुकी है और अब हिंदुत्व की राजनीति कर रही है. पार्टी का नया झंडा भगवा रंग का है और जिसमें छत्रपति शिवाजी महाराज के समय के दौरान इस्तेमाल की जाने वाली 'राजमुद्रा' है. राज ठाकरे ने इससे पहले कहा था, "ये बात समझ नहीं आती कि सीएए के खिलाफ मुसलमान आखिर क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं. सीएए उन मुसलमानों के लिए नहीं है जो भारत में पैदा हुए हैं.
इससे पहले राज ठाकरे ने CAA को लेकर मोदी सरकार को घेरते हुए कहा था, 'सरकार को पहले यह पता लगाना चाहिए कि सदियों से देश में रह रहे भारतीय मुस्लिम कौन है और पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए प्रवासी कौन है.' यह पता लगाने के बाद उन्हें देश से निकाल देना चाहिए. मेरी समझ में नहीं आता जब हमारी समस्याएं नहीं सुलझी हैं, तो हम क्यों शरणार्थियों को लेकर उन्हें नागरिकता दे रहे हैं? राज ठाकरे ने कहा, "क्या शरणार्थियों को शरण देने के लिए केवल हम ही बचे हैं? सरकार को चाहिए कि पहले वह अपने लोगों के प्रति चिंता दिखाए."