मुंबई: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (MNS) के अध्यक्ष राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने मंगलवार को कहा की उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का समर्थन नहीं किया है. मनसे (एमएनएस) चीफ ने कहा है उनके बयान को मीडिया ने गलत तरीके से पेश किया है. उन्होंने कहा कि मैंने सीएए का समर्थन नहीं किया, लेकिन अवैध पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को देश से बाहर करने की बात कही थी. मेरे इस बयान का मीडिया ने गलत अर्थ निकाल लिया.
मुंबई स्थित अपने घर कृष्णकुंज में पार्टी पदाधिकारियों की एक बैठक में राज ठाकरे ने यह बात कही. बताया जा रहा है कि मनसे ने यह बैठक सीएए और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) पर पक्ष रखने पर विचार-विमर्श करने के लिए बुलाई थी. हालांकि पार्टी ने इसके समर्थन या विरोध करने को लेकर कुछ स्पष्ट नहीं बताया है. अजित पवार बोले- कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में MNS को किया जाए शामिल, नहीं तो होगा वोटों का बंटवारा
मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने बीते शनिवार को कहा था कि गैर-कानूनी रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आकर भारत में बसे प्रवासियों को 'उठाकर बाहर फेंक' दिया जाना चाहिए, क्योंकि वे देश पर अनावश्यक बोझ हैं. पुणे में मीडिया से बात करते हुए कहा था, "ये प्रवासी आते हैं और देशभर में फैल जाते हैं. राज्यों को उनका बोझ सहना पड़ता है. वे स्थानीय युवाओं की नौकरियां छीन लेते हैं. ऐसे प्रवासी चाहे जहां भी हों, उन्हें देश से बाहर कर दिया जाना चाहिए."
उल्लेखनीय है कि राजनीति में 13 सालों के अतीत के बाद मनसे ने पिछले हफ्ते नए झंडे, चिन्ह और नई विचारधारा के साथ नई शुरुआत करने का ऐलान किया. अपने चाचा और शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बालासाहेब ठाकरे की 94वीं जयंती के मौके पर राज ठाकरे ने अपने बेटे अमित ठाकरे को औपचारिक रूप से पार्टी में शामिल किया. मनसे के वरिष्ठ नेताओं ने राज ठाकरे को नया 'हिंदू हृदय सम्राट' होने का दावा किया.
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस ने मिलकर महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन बनाया है, जिसके प्रमुख उद्धव ठाकरे हैं. उद्धव राज ठाकरे के चचेरे भाई हैं. ऐसे में मनसे अब बीजेपी के साथ तालमेल बिठाती नजर आ रही है. (एजेंसी इनपुट के साथ)