देश से सबसे बड़े लोकतंत्र भारत में आज लोकसभा चुनावों के परिणाम आ रहे हैं. दोपहर तक के रुझानों से यह साफ हो गया है कि NDA की सरकार बनेगी और फिर मोदी पीएम बनेंगे. एग्जिट पोल ने भी ऐसा ही अनुमान लगाया था. बहरहाल, रुझानों से एक बात साफ हो गयी है कि कांग्रेस का सत्ता का वनवास 5 साल और रहेगा. अब तक के आंकड़ों के अनुसार NDA को करीब 350 सीट मिल रही है. UPA का आंकड़ा 86 और एनी को 107 सीट मिल रही है.
रुझानों से एक बात और साफ़ हो गयी है कि कांग्रेस की रणनीति नाकाम हो गयी है और बीजेपी की सफल हो गयी. आइये देखते हैं कांग्रेस के इस हाल के कारण.
अमित शाह की आक्रामक रणनीति:
सियासी गलियारों में सभी यह बात कहते हैं कि अमित शाह जैसा चुनाव प्रबंदन कोई नहीं करता. इस बार के चुनावों में भी वह पूरी आक्रामक रणनीति के साथ मैदान में उतरे और विपक्ष के अरमानों पर पानी फेर दिया. एग्जिट पोल के नतीजे देखकर तो यही लगता है कि कांग्रेस के रणनीतिकार पूरी तरह विफल हो गए.
यह भी पढ़े: पीएम मोदी की मां हीरा बेन ने हाथ जोड़कर किया लोगों का अभिवादन, देखें वीडियो
मोदी पर हमला करना पड़ा भारी:
2014 के बाद कई सर्वे आए जिनमें यह ये बात सामने आई की पीएम मोदी की लोकप्रियता लगातार बढ़ी है. बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद तो पीएम मोदी की छवि में और सुधर आया. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीधे पीएम मोदी को टारगेट किया. एग्जिट पोल की मने तो वोटरों को शायद यह बात पसंद नहीं आई.
पीएम मोदी की भ्रष्टाचार विरोधी छवि:
देश की जनता में पीएम मोदी की छवि भ्रष्टाचार विरोधी है. उनपर पहले CM और फिर PM रहते भ्रष्टाचार का कोई भी आरोप नहीं लगा है. इसके विरुद्ध कांग्रेस पर UPA 2 के दौरान भ्रष्टाचार के कई इलजाम लगे थे.
तीन राज्यों में जीत से कांग्रेस हुई ओवर कॉन्फिडेंट:
कांग्रेस को पिछले साल दिसंबर में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल हुई थी. इस जीत के बाद शायद कांग्रेस ओवर कॉन्फिडेंट हो गयी थी. राहुल गांधी तो जमकर प्रचार किया मगर स्थानीय नेता उतने सक्रीय नजर नहीं आये. एग्जिट पोल की मने तो राजस्थान में गहलोत-पायलट की जोड़ी भी कुछ कमाल करती नजर नहीं आ रही है.