लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद रविवार देर शाम एग्जिट पोल के अनुमान आये. ज्यादातर पोल में NDA को बहुमत मिलता नजर आ रहा है. लगभग सभी ने अनुमान लगाया है कि केंद्र की सत्ता में कोई बदलाव नहीं होगा. एग्जिट पोल के बाद बीजेपी का 'जोश तो हाई' है मगर गुरुवार को नतीजे इससे अलग हुए तो नरेंद्र मोदी को दुबारा पीएम बनने के लिए NDA के आलावा अन्य दलों का सहारा लेना पड सकता है. अगर NDA बहुमत के आंकड़े से दूर रही तो गैर NDA दलों की जरुरत पड़ेगी.
आइये नजर डाल लेते हैं उन नेताओं या क्षेत्रीय दल पर जो 23 मई के बाद किंग-मेकर की भूमिका निभा सकते हैं.
नवीन पटनायक:
एग्जिट पोल के अनुसार ओडिशा में बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करती नजर आ रही है मगर वहां सत्ताधारी पार्टी बीजेडी को 10 सीट मिलने का अनुमान जताया जा रहा है. मोदी अगर बहुमत से दूर रहे तो नवीन पटनायक से संपर्क साध सकते हैं. हाल ही में तूफान फानी के दौरान राहत और बचाव कार्यों को देखकर पीएम मोदी ने नवीन पटनायक की तारीफ की थी.
यह भी पढ़े: EVM पर सवाल उठाने वालों पर CM नीतीश कुमार ने कसा तंज, कहा- हारने वाले दल ऐसी बात कहते हैं
जगनमोहन रेड्डी:
वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी ने भी लोकसभा चुनावों के लिए किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं किया है. सियासी पंडितों की माने तो उनकी पार्टी के इन लोकसभा चुनावों में अच्छे प्रदर्शन करने के अनुमान है. सूबे में 25 लोकसभा सीट हैं अगर जगनमोहन रेड्डी की पार्टी को समर्थन मिलता हैं तो वह केंद्र में सरकार बनाने वाले फ्रंट के आंखों के तारे बन जाएंगे.
केसीआर:
तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर को तेलंगाना की जनता का अच्छा समर्थन हासिल है. राज्य में हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में उन्होंने कांग्रेस-टीडीपी गठबंधन और बीजेपी का सूपड़ा साफ़ कर दिया था. तेलंगाना में टीआरएस ने 119 में से 88 सीटों पर जीत दर्ज की थी. एग्जिट पोल में भी पार्टी के अच्छे प्रदर्शन करने का अनुमान जताया जा रहा है. वैसे उन्हें तेलंगाना का जनक भी कहा जाता है और लोकसभा की 17 सीटों में भी उनकी पार्टी के अच्छे प्रदर्शन करने के आसार है.